छात्रवृत्ति घोटाला : CBI जांच में 30 करोड़ से अधिक की फर्जी छात्रवृत्तियों का पर्दाफाश

Thursday, Feb 20, 2020 - 10:55 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): 250 करोड़ रुपए से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की परतें उधड़ती जा रही हैं। अब तक की जांच में सीबीआई 30 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी छात्रवृत्तियों का पर्दाफाश कर चुकी है। छानबीन में जिला ऊना स्थित केसी ग्रुप के पंडोगा और नवांशहर संस्थानों में भी काफी अनियमितताएं सामने आई हैं। दोनों संस्थानों के तहत 365 से अधिक छात्रवृत्तियां सवालों के घेरे में हैं। सामने आया है कि निजी संस्थानों ने छात्रवृत्तियों को हड़पने के लिए अनियमितताएं बरती हैं। किसी संस्थान ने छात्रों की जाति को ही बदल डाला तो किसी ने संस्थान छोड़ चुके छात्रों के दस्तावेजों का जमकर दुरु पयोग किया।

जाति बदलकर छात्रवृत्ति हड़पने का खेला खेल

खुलासा हुआ है कि ज्यादा छात्रवृत्ति राशि हड़पने के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को अनुसूचित जनजाति का छात्र दर्शा दिया गया। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया। एसटी के छात्रों को एससी के छात्रों से दोगुनी छात्रवृत्ति मिलती है, ऐसे में निजी संस्थानों ने जाति बदलकर छात्रवृत्ति हड़पने का यह खेल खेला। इसके साथ ही कुछ छात्रों के बाहरी राज्यों में स्थित बैंकों में खाते खोल दिए गए।

3 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है सीबीआई

छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई 3 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें उच्च शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधीक्षक ग्रेड-2 अरविंद राजटा, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी और सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन हैड कैशियर एसपी सिंह शामिल हैं।

Vijay