छात्रवृत्ति घोटाला: जांच दायरे में आए संस्थानों के बैंक खाते भी खंगालेगी CBI

Friday, Oct 04, 2019 - 11:30 AM (IST)

शिमला (राक्टा): 250 करोड़ रुपए से अधिक के छात्रवृति घोटाले में सी.बी.आई. का शिकंजा कसता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मामले की छानबीन के तहत अब सी.बी.आई. जांच दायरे में चल रहे निजी संस्थानों के बैंक खातों को खंगालने की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके साथ ही जांच दायरे में चल रहे संस्थानों के कर्ताधर्ताओं, शिक्षा विभाग, कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारी व कर्मचारियों के बैंक खाते भी आने वाले दिनों में खंगाल जा सकते हैं। पूरे घोटाले की तह खंगालने के लिए शिमला के साथ ही पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में भी सी.बी.आई. की टीमें लगातार पूछताछ की प्रक्रिया अमल में ला रही हैं। 

सी.बी.आई. ने बीते दिन जिला ऊना से जुड़े एक निजी संस्थान के कर्ताधर्ताओं सहित स्टाफ कर्मियों से भी पूछताछ की थी। सूत्रों के अनुसार संबंधित संस्थान द्वारा बरती गई अनियमितताओं को लेकर जांच एजैंसी जल्द ही पहली चार्जशीट भी अदालत में दायर कर सकती है। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए सी.बी.आई. के अधिकारी किसी भी तरह का खुलासा करने से कतरा रहे हैं। अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि वर्ष 2016-17 में प्री. मैट्रिक में कुल 6,00,18,750 रु पए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जिसमें 296 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर का प्रयोग कई बार हुआ।

इसी वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 59,58,175 रु पए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जिसमें 2727 आवेदनों में भी एक से अधिक बार एक की मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया। छात्रवृत्तियां बांटने में अनियमितताओं की शिकायतें पिछले लगभग 10 सालों से आ रही हैं और समय रहती उनकी जांच ही नहीं की गई। यही नहीं जो गलतियां 10 साल पहले की जा रही थीं, उन्हें लंबे समय तक दोहराया जाता रहा। ऐसे में कुछ तत्कालीन मुलाजिमों की कार्यप्रणाली जांच के घेरे में है।

Ekta