छात्रवृत्ति घोटाला : बिना प्रवेश दिए ही हड़प डाली कई छात्रों की Scholarship

Sunday, Jul 14, 2019 - 11:38 PM (IST)

शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के बहुचॢचत छात्रवृत्ति घोटाले की परतें उधडऩे लगी हैं। सूत्रों के अनुसार जांच दायरे में आए कुछ संस्थानों ने छात्रों को बिना प्रवेश दिए ही उनके नाम से छात्रवृत्ति हड़प ली। ऐसे में अब जांच एजैंसी धोखाधड़ी का शिकार हुए छात्रों से भी संपर्क साध रही है। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में भी इस तरह के तथ्य सामने आए हैं। छानबीन में यह भी सामने आया है कि प्रदेश के कुछ छात्रों ने बाहरी राज्यों से जुड़े कुछ निजी संस्थानों के सैंटरों में दाखिला लिया लेकिन बाद में छात्रों ने उन सैंटरों को छोड़ दिया और अन्य महाविद्यालय में प्रवेश ले लिया।

छात्रवृत्ति के लिए पहले से ही दूसरे संस्थान में पंजीकृत था नाम

इसी कड़ी में जब उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया तो खुलासा हुआ कि उनका नाम छात्रवृत्ति के लिए पहले से ही दूसरे संस्थान में पंजीकृत है, ऐसे में सी.बी.आई. मामले से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है। जांच के दायरे में आए 22 में से कुछ ही शैक्षणिक संस्थान ऐसे मामलों को लेकर आरोपों के घेरे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ छात्रों ने काऊंसलिंग के दौरान जो दस्तावेज दिए थे, उनका भी दुरुपयोग हुआ है, ऐसे में कई संस्थान सी.बी.आई. के राडार पर हैं।

शिक्षा विभाग से लिए गए रिकॉर्ड से हो रहा मिलान

इसके तहत सी.बी.आई. अब संबंधित संस्थानों में हुए दाखिलों का रिकॉर्ड खंगाल रही है और उनका मिलान शिक्षा विभाग से लिए गए रिकॉर्ड से किया जा रहा ताकि पता लगाया जा सके कि कितने छात्रों के नाम पर फर्जी तौर पर स्कॉलरशिप ली गई। जांच एजैंसी धोखाधड़ी के शिकार हुए छात्रों के बयान दर्ज कर फर्जी एडमिशन दिखाने वाले संस्थानों पर जल्द ही शिकंजा भी कस सकती है। आरोप ये भी लग रहे हैं किसरकारी स्तर पर छात्रवृत्ति आबंटन पर पूरी तरह से निगरानी नहीं रखी गई और न ही कोई पड़ताल की गई।

बैंक खातों से लेकर मोबाइल नंबरों तक की जांच

छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. बैंक खातों के साथ कुछ मोबाइल नंबरों की भी जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो मामले की तह खंगालने के लिए सी.बी.आई. वर्ष 2013 से पहले का रिकॉर्ड भी आने वाले दिनों में कब्जे में ले सकती है। सरकार को छात्रवृत्ति आबंटन में अनियमितताओं की शिकायतें पिछले लगभग 8 से 10 सालों से मिल रही थीं।

Vijay