छात्रवृत्ति घोटाला : सामान्य वर्ग के छात्रों को अनुसूचित जाति श्रेणी में दे डाली छात्रवृत्तियां

Sunday, Jun 09, 2019 - 10:05 PM (IST)

शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के कथित छात्रवृत्ति घोटाले की छानबीन में जुटी सी.बी.आई. शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों को भी खंगालने में जुटी हुई है। सूत्रों के अनुसार आरोप यह भी है कि कुछ संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखकर सामान्य वर्ग के छात्रों को अनुसूचित जाति श्रेणी में छात्रवृत्तियां दे डालीं, ऐसे में आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए जांच टीम मामले से जुड़ा हर रिकॉर्ड खंगाल रही है। यदि जांच में ये आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित संस्थानों की दिक्कतें बढऩा तय है। हालांकि अभी छानबीन चली होने के चलते सी.बी.आई. के अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।

कई राज्यों में फैला हुआ छात्रवृत्ति घोटाला

यह घोटाला कई राज्यों में फैला हुआ है। इसके चलते अभी मामले की पूरी परतें उधडऩे में समय लगेगा। शिक्षा विभाग की जांच में सूत्रों के अनुसार यह भी सामने आया था कि कुछ स्थानों पर प्रार्थना पत्रों की संख्या से अधिक संख्या में छात्रवृत्तियों का वितरण हुआ। केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच टीम बाहरी राज्य में भी मोर्चा संभाले हुए है। सी.बी.आई. की टीमों ने कब्जे में लिए दस्तावेजों के लिए एक मालखाना तैयार किया है। जांच के अंतर्गत वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की छात्रवृत्ति से जुड़ा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इस मामले में 22 निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में हैं।

बैंक खातों से लेकर मोबाइल नंबरों तक की जांच

छात्रवृत्ति घोटाले में सी.बी.आई. बैंक खातों के साथ कुछ मोबाइल नंबरों की भी जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो मामले की तह खंगालने के लिए सी.बी.आई. वर्ष 2013 से पहले का रिकॉर्ड भी आने वाले दिनों में कब्जे में ले सकती है। गौर हो कि छात्रवृत्तियां बांटने में अनियमितताओं की शिकायतें पिछले लगभग 8-10 सालों से आ रही हंै।

Vijay