छात्रवृत्ति घोटाला : शिक्षण संस्थानों के आसपास ही खुलवा डाले बैंक खाते

Sunday, Jun 02, 2019 - 11:21 PM (IST)

शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के कथित छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ बैंक खाते भी जांच दायरे में आ गए हैं। संबंधित बैंक खाते चंडीगढ़ और हरियाणा से जुड़े हुए हैं। शिक्षा विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में कुछ बैंक खातों पर संदेह व्यक्त किया है, जिसके तहत सी.बी.आई. भी इस दिशा में छानबीन कर रही है। जो रिपोर्ट सी.बी.आई. को दी गई है, उसमें उल्लेख किया गया है कि कुछ निजी शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों के बैंक खाते संस्थान के आसपास लगते क्षेत्रों में खुलवाए, ऐसे में जांच एजैंसी छानबीन कर रही है कि संदेह के घेरे में आए बैंक खाते विद्यार्थियों की सहमति से खुलवाए गए या फिर अपने स्तर पर ही खोल दिए गए हैं।

जांच दायरे में आ सकते हैं कई राष्ट्रीयकृत बैंक

छात्रवृत्ति घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। सूत्रों की मानें तो कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी जांच दायरे में आ सकते हंै। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। बीते 4 साल में 2.38 लाख विद्याॢथयों में से 19,915 को 4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई। इसी तरह 360 विद्याॢथयों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5,729 विद्याॢथयों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। आरोप है कि छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा।

22 निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में

कथित छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक 22 निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में हैं। संबंधित निजी शिक्षण संस्थान ऊना, करनाल, मोहली, नवांशहर, अंबाला, शिमला, सिरमौर, सोलन, बिलासपुर, चम्बा, गुरदासपुर व कांगड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित हैं। सी.बी.आई. निजी शिक्षण संस्थानों के साथ ही सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी तो कुछ अन्य संस्थान भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।

Vijay