छात्रवृत्ति घोटाला : CBI ने शिमला पुलिस से मांगा Record

Saturday, May 25, 2019 - 10:18 PM (IST)

शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में निजी शिक्षण संस्थानों से रिकॉर्ड कब्जे में लेने के बाद अब सी.बी.आई. शिमला पुलिस से रिकॉर्ड लेगी। इसी कड़ी में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पुलिस को पत्र लिख दस्तावेज उपलब्ध करवाने को कहा है। इस मामले में शिक्षा विभाग से भी अहम रिकॉर्ड जुटा लिया गया है। सूचना के अनुसार इन दिनों सी.बी.आई. की टीम निजी शिक्षण संस्थानों से कब्जे में लिए गए रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी हुई है। यह प्रक्रिया सी.बी.आई. के शिमला स्थित कार्यालय में अमल में लाई जा रही है। सूचना के अनुसार सी.बी.आई. की टीम द्वारा पंजाब और चंडीगढ़ के जिन निजी शिक्षण संस्थानों से जो रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया है, उसके एक दर्जन से अधिक बंडल बनाए गए हैं। इनमें एक बंडल 22 से 25 किलोग्राम का बताया जा रहा है।

बिना मोबाइल नंबर और आधार नंबर के ही बांट दी गई छात्रवृत्ति

सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में सामने आया है कि कुछ छात्रवृत्ति तो बिना मोबाइल नंबर और आधार नंबर के ही बांट दी गई। इतना ही कुछ निजी संस्थानों ने विद्याॢथयों के बैंक खाते संस्थान के आसपास ही खुलवा लिए। इसमें कुछ खाते चंडीगढ़ और हरियाणा के बैंक में हैं, जोकि संदेह के दायरे में हैं। इसके साथ ही सामने आया है कि जिन छात्रों ने निजी शिक्षण संस्थान छोड़ कर दूसरे संस्थानों में एडमिशन ली, उनके दस्तावेजों के आधार पर ही पुराने संस्थानों को छात्रवृत्ति की राशि बांट दी गई। इस पर न तो कोई चैक रखा गया और न ही कोई पड़ताल की गई।

अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका की भी हो रही जांच

सूत्रों की मानें तो एक निजी शिक्षण संस्थान में एस.सी./एस.टी. छात्रों के लिए 800 के करीब सीटें थीं, जबकि संस्थान में 3,000 के आसपास एडमिशन कर डाली और उसी आधार पर सभी छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि दी गई। ऐसे में सी.बी.आई. जांच में आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। अब तक की जांच में यही उभर कर सामने आ रहा है कि आपसी मिलीभगत से ही करोड़ों रु पए के घोटाले को अंजाम दिया गया है। ऐसे में जांच के दायरे में निजी शिक्षण संस्थानों के कर्ताधर्ताओं के साथ ही सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच हो रही है।

Vijay