छात्रवृत्ति घोटाला : CBI ने DSP के नेतृत्व में किया जांच टीम का गठन

Thursday, May 09, 2019 - 09:44 PM (IST)

शिमला: 250 करोड़ रुपए से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की छानबीन को लेकर सी.बी.आई. ने डी.एस.पी. के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है, ऐसे में अब जांच टीम मामले से जुड़ा रिकॉर्ड खंगालने की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके तहत जल्द ही शिक्षा विभाग, जांच दायरे में आए निजी संस्थानों और राष्ट्रीयकृत बैंकों से रिकॉर्ड कब्जे में लिया जाएगा। सी.बी.आई. द्वारा छात्रवृत्ति घोटाले में मामला दर्ज किए जाने के बाद प्रदेश सहित बाहरी राज्यों के बड़े निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों की धुकधुकी भी बढ़ गई है।

एफ.आई.आर. में कई बड़े शिक्षण संस्थानों के नामों का उल्लेख

सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. में कई बड़े शिक्षण संस्थानों के नामों का उल्लेख भी है। इसके साथ ही सरकारी स्तर पर बरती गई लापरवाही को लेकर भी कई चेहरों पर शिकंजा कसा जा सकता है। आरोप है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ  निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला।

बाहरी राज्यों में भी जांच टीम देगी दबिश

छात्रवृत्ति घोटाला हिमाचल के साथ अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है। ऐसे में सी.बी.आई. मामले की परतें उधेडऩे के लिए बाहरी राज्यों में भी दबिश देगी। इस मामले के तार किस-किस से जुड़े हुए हैं, उसकी तह खंगालना भी शुरू कर दिया गया है।

ऐसे सामने आया मामला

राज्य सरकार को शिकायत मिली थी कि जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति राशि नहीं मिल रही है, ऐसे में शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने मामले की जांच करवाने का निर्णय लिया। इस दौरान फर्जी एडमिशन से छात्रवृत्ति राशि के नाम पर घोटाले होने के तथ्य सामने आए। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सी.बी.आई. से जांच करने की सिफारिश की थी।

Vijay