बिना आधार नंबर के ही आबंटित कर दीं 3,474 छात्रवृत्तियां

Monday, Jul 08, 2019 - 01:01 PM (IST)

शिमला (राक्टा): 250 करोड़ रुपए से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जुटी सी.बी.आई. मामले से जुड़ा अधिकतर रिकार्ड खंगाल चुकी है। सूत्रों के अनुसार छानबीन में सामने आया है कि वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2016-17 के बीच करीब 3,474 छात्रवृत्तियां बिना आधार नंबर के ही आबंटित कर दी गईं। शिक्षा विभाग ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में हजारों की संख्या में बिना आधार नंबर के ही छात्रवृत्तियां आबंटित करने का उल्लेख किया है। ऐसे में जांच टीम मामले से जुड़े हर तथ्य को खंगाल रही है ताकि उस आधार पर छानबीन को आगे बढ़ाया जा सके। जांच दायरे में आए निजी शिक्षण संस्थानों में किस वर्ष कितनी एडमिशन हुईं और कितनों को छात्रवृत्ति बांटी गई, इसका भी रिकॉर्ड खंगाला जा चुका है। 

आरोप है कि कुछ निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी दाखिले दिखाकर छात्रों के बैंक खाते खोल डाले और छात्रवृत्ति के नाम पर सरकारी धनराशि का गबन कर डाला। ऐसे में सी.बी.आई. जांच में आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस मामले में तत्कालीन कुछ सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी शिकंजा कस सकता है। सूत्रों के अनुसार कुछ निजी संस्थानों ने विद्यार्थियों के बैंक खाते संस्थान के आसपास ही खुलवा लिए। कुछ खाते चंडीगढ़ और हरियाणा के बैंक में हैं जोकि संदेह के दायरे में हैं। सामने आया है कि सरकारी स्तर पर छात्रवृत्ति आबंटन पर पूरी तरह से निगरानी नहीं रखी गई और न ही कोई पड़ताल की गई। इसके साथ ही छात्रवृत्ति आबंटन के लिए एक ही मोबाइल नंबर को कई बार प्रयोग किया गया।

अलग-अलग टीमें संभाले हुए हैं मोर्चा

छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा मामला विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है। ऐसे में सी.बी.आई. की अलग-अलग टीमें संबंधित राज्यों में सक्रिय हैं। मामले की जांच के तहत बैंकों व मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से भी रिकार्ड लिए जाने की सूचना है। कथित घोटाले में 22 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में हैं।

Ekta