संस्कृत को मिला दूसरी राजभाषा का दर्जा, वाजपेयी के नाम पर खुलेगी मैडीकल यूनिवर्सिटी

Thursday, Feb 21, 2019 - 08:35 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा मिल गया है। इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मैडीकल यूनिवर्सिटी खोलने पर भी स्वीकृति की मोहर लग गई है। विधानसभा से इस बारे पारित 2 विधेयकों को राज्यपाल ने अनुमति प्रदान कर दी है, जिसके बाद इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि संस्कृत को दूसरी राजभाषा के रूप में स्थान देने के लिए विधानसभा से हिमाचल प्रदेश राजभाषा संशोधन विधेयक, 2019 को पारित किया गया था। इस संशोधन विधेयक में कहा गया है कि संस्कृत अधिकतर भारतीय भाषाओं का मूल है। भारत में आम जनता और बुद्धिजीवी वर्ग की तरफ से इस भाषा का व्यापक प्रयोग किया गया है, जिसका इतिहास साक्षी है।

कम्प्यूटरीकरण में सुगमतापूर्वक अनुकूलनीय है संस्कृत

यहां तक कि आज भी संस्कृत कम्प्यूटरीकरण में सुगमतापूर्वक अनुकूलनीय है। विभिन्न प्राचीन शास्त्रों, विज्ञानों, साहित्य रस-विधा, रूपक-नाटकों, गणित, आयुर्विज्ञान और योग आदि में प्रतिष्ठापित हमारी सांस्कृतिक विरासत को पढऩे के लिए यह उपयोगी साधन है। सभी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक इसे अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। इसे देखते हुए संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया जा रहा है।

मंडी जिला के नेरचौक में खुलेगी मैडीकल यूनिवर्सिटी

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर खुलने वाली मैडीकल यूनिवर्सिटी में कुलपति (वी.सी.) पद के लिए 70 साल तक की आयु तय की गई है। इस स्थिति में आई.जी.एम.सी. और टी.एम.सी. सहित अन्य सरकारी मैडीकल कॉलेजों से सेवानिवृत्त हुए डॉक्टरों को मैडीकल यूनिवर्सिटी में कुलपति की कुर्सी मिल सकती है। मैडीकल यूनिवर्सिटी को मंडी जिला के नेरचौक में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

Vijay