सबरी माला बवाल के चलते बदली इस मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा(Pics)

punjabkesari.in Saturday, Nov 24, 2018 - 04:00 PM (IST)

मंडी(नीरज) : देव परंपरा के अनुसार देवी देवता मानवीय रिश्तों की डोर में बंधे हुए हैं। इसी कड़ी में शिवा बदार क्षेत्र के वरिष्ठ देवता शुकदेव ऋषि जिनका मंडी राजदरबार में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। शुकदेव ऋषि की सात बहनें हैं और यह सभी बहनें शिवा बदार क्षेत्र की प्रमुख देवियों के रूप में पूजित हैं। इनमें सबसे बड़ी बहन बगलामुखी को माना जाता है। इसके बाद मैहणी, धारानागण, सोना सिंहासन, कांढी घटासण, निशू पराशरी और बूढ़ी बछारण ये सात प्रमुख देवियां हैं। इनमें से पांच देवियों ने सदियों पुरानी परंपरा को बदलते हुए पहली बार शुकदेव ऋषि के एकांत स्थल थट्टा के प्राचीन मंदिर में प्रवेश किया है। इससे पहले यह परंपरा नहीं रही और सभी देवी देवता मंदिर के बाहर से ही लौट जाते थे।

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पांच देवियां इस समारोह में शरीक हुई

स्थानीय निवासी रतीराम ठाकुर ने बताया कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 11 अप्रैल 2014 में शुरू हुआ था जो 14 अक्टूबर 2018 को पूरा हुआ। इस खुशी में एक समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें इस बारे में जब देवता से पूछा गया तो उन्होंने मंदिर में अपनी सातों बहनों को बुलाने की इजाजत दे दी। जिसमें से पांच देवियां इस समारोह में शरीक हुई। शुकदेव ऋषि के वजीर मोहन लाल ठाकुर ने बताया कि देवता सभी के प्रिय हैं और इन्हें संतान सुख के साथ सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने वाला माना जाता है। उन्होंने कहा कि शुकदेव ऋषि उनके प्रथम पूज्य हैं और सभी की आस्था उनके साथ जुड़ी हुई है।

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कारीगरों ने उपवास रखकर कार्य किया

बताया जा रहा है कि शुकदेव ऋषि का यह मंदिर 14वीं शताब्दी का पैगोडा शैली का बना हुआ है। जिसमें लकड़ी पर खूबसूरत नक्काशी का काम किया गया है। देवता कमेटी ने ढाई सौ परिवारों, सात पंचायतों के साथ मंडी और कुल्लू के अनेक लोगों के सहयोग से इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया है। इसमें बांस गांव के कारीगरों के अलावा हटौण, डयोड, शारटी के कारीगरों ने उपवास रखकर कार्य किया है। इसके अलावा देवता के प्रांगण में अंडर ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग टैंक है। जो अस्सी साल पुराना है। जिसका उपयोग पानी की कमी के दौरान किया जाता है। देवता के जन्म दिवस मंगसर 21 प्रविष्टे को मड़घयाली दिवाली का आयोजन किया जाता है। इस दौरान देवता के यहां जाग का आयोजन किया जाता है।

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