MC House : मेयर-डिप्टी मेयर के BOD की बैठक में शामिल न होने पर पार्षदों का हंगामा

Tuesday, Dec 31, 2019 - 07:32 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): शिमला नगर निगम की इस साल की अंतिम मासिक बैठक का आयोजन बचत भवन में किया गया। बैठक में जहां शहर में होने वाले विकास कार्यों को लेकर हरी झंडी दी गई तो वहीं 26 दिसम्बर को हुई बीओडी की बैठक में मेयर सत्या कौंडल व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान के शामिल न होने पर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा के विरोधी खेमे के पार्षदों व कांग्रेसी पार्षदों ने मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया कि शहर में पानी और सीवरेज से संबंधित मुद्दों के लिए यह बैठक की जाती है लेकिन महापौर और उपमहापौर ने इस बैठक को छोड़कर 27 दिसम्बर को हुई भाजपा पार्टी की रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

जरूरी काम के चलते नहीं ले पाए बैठक में हिस्सा : सत्या कौंडल

इस बारे में महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि जरूरी काम के चलते वे इस बैठक में नहीं जा पाए थे और इस बारे में जब मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश से बात की तो उन्होंने कहा कि बैठक का कोरम पूरा है और आपके आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बैठक को 15 दिन बाद एक बार फिर से किया जाएगा, जिसमें शहरवासियों के पानी के बिल की मांग रखी जाएगी।

गुपचुप तरीके से स्क्रैप बेचने का मुद्दा गर्माया 

बैठक में शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा गुपचुप तरीके से बेचे गए स्क्रैप का मुद्दा भी गर्माया। कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों ने इस मामले को लेकर निगम के आयुक्त पंकज राय से जवाबतलब किया। निगम आयुक्त ने इस मामले पर जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों से जवाब न आने की बात कही, जिस पर पार्षद भड़क गए और इस मामले की विजिलैंस जांच की मांग की। पार्षदों का आरोप है कि बिना अनुमति नगर निगम की करोड़ों की संपत्ति को बेचा गया है और नगर निगम इस पर 6 माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

क्या बोले कांग्रेस पार्षद

कांग्रेस पार्षद दिवाकर और राकेश चौहान ने कहा कि जल प्रबंधन निगम ने नगर निगम के करोड़ों का कबाड़ बिना अनुमति बेच दिया है। नगर निगम के हाऊस में कई बार यह मामला उठाया गया लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नही लाई गई। उन्होंने कहा कि किस मूल्य में यह कबाड़ बेचा गया है और इसको लेकर टैंडर निकाला गया था या नहीं, इसकी जानकारी सदन में दी जानी चाहिए थी लेकिन अभी तक आधी-अधूरी जानकारी दी गई और नगर निगम द्वारा इसकी जांच विजिलैंस को दी जानी चाहिए।

विजिलैंस को जांच सौंप सकता है निगम

नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने सदन में कहा कि उन्होंने 6 अधिकारियों से जवाब मांगा था, जिसमें से 5 ने अपना जवाब दे दिया है और एक अधिकारी का जवाब आना अभी बाकी है। जवाब मिलने के बाद ही इस मामले में क्या कर्रवाई की जानी है उस पर सदन फैसला लेगा। वहीं महापौर ने कहा कि इस मामले को लेकर सदन में चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में इसकी पूरी रिपोर्ट पेश की जाएगी और अगर विजिलैंस की जांच के लिए मांग होती है तो निगम विजिलैंस को जांच सौंप सकता है।

Vijay