रिज वाटर टैंक का वजूद बचाने को ली जाएगी एक्सपर्ट की मदद, दिल्ली की 2 कंपनियों ने किया दौरा

Friday, Jun 28, 2019 - 09:38 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): ऐतिहासिक ब्रिटिशकालीन रिज वाटर टैंक के वजूद को बचाने के लिए शिमला जल प्रंबंधन कंपनी पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एक्सपर्ट की मदद लेने जा रही है। इसके लिए कॉलेज एक्सपर्ट ने हामी भर दी है। ये एक्पसर्ट रिज के री-स्टोरेशन वर्क को और बेहतर करने के लिए अपनी राय व सुझाव देंगे। इसके लिए जल्द ही ये एक्सपर्ट शिमला दौरे पर आएंगे। वहीं कंपनी ने रिज के री-स्टोरेशन वर्क की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दिल्ली की कंपनियों ने रिज टैंक का दौरा किया और टैंक के भीतर पड़ी दरारों का जायजा लिया। ये वे कंपनियां हैं जो पुरानी व हैरिटैज धरोंहरों को री-स्टोर करने में एक्सपर्ट हैं। कंपनी के कंसल्टैंट ने रिज टैंक की दरारों को नजदीक से स्डटी किया है और भरोसा जताया है कि रिज टैंक में जो दरारें पड़ी हैं वह पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं।

कंपनी नेे 10 जुलाई तक मांगीं निविदाएं

शिमला जल प्रबंधन निगम के एम.डी. धमेंद्र गिल का कहना है कि दिल्ली की उक्त कंपनियों ने टैंक को पहले अंदर से देखने की मांग की थी ताकि टैंडर प्रक्रिया में भाग लेने से पहले टैंक की दरारों को स्टडी किया जा सके, ऐसे में टैंक को खाली किया गया था। रिज टैंक के री-स्टोरेशन वर्क के लिए अब तक दिल्ली की 2 नामी कंपनियों ने आवेदन किया है। कंपनी की ओर से 10 जुलाई तक निविदाएं मांगी गई हैं। इसके बाद ही रिज टैंक को बचाने की कवायद को शुरू किया जा सकेगा। रिज टैंक के री-स्टोरेशन वर्क के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी।

45 लाख लीटर पानी को स्टोर करने की क्षमता

ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूरे शिमला शहर को जलापूर्ति करने वाला ब्रिटिशकालीन वाटर स्टोरेज टैंक है, जिसमें करीबन 45 लाख लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है, ऐसे में रिज पर बढ़ती दरारों से वाटर टैंक को भी खतरा हो सकता है। गौरतलब है कि रिज टैंक में दरारें बढऩे से इसके अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है, ऐसे में कंपनी रिज टैंक को बचाने की कवायद में जुट गई है ताकि समय रहते इसकी दरारों को बढऩे से रोका जा सके। हांलाकि कंपनी का दावा है कि रिज टैंक की दरारें ज्यों की त्यों ही हैं लेकिन समय रहते इसके री-स्टोरेशन वर्क को पूरा कर लिया जाएगा।

Vijay