रिज पर ताऊ की जलेबी का हर कोई दीवाना, मिल चुके हैं कई इनाम (Watch Pics)

Sunday, Dec 23, 2018 - 03:46 PM (IST)

शिमला (जस्टा): पर्यटन सीजन के चलते शिमला में खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। पर्यटन सीजन के चलते रिज मैदान पर लगे स्टाल में ताऊ की जलेबी ने पर्यटकों सहित स्थानों लोगों को कायल कर दिया है। हरियाणा के गोहाना से आए ताऊ बलजीत ने बताया कि मैं 40 सालों से लगातार जलेबी बना रहा हूं। इसकी लोकप्रियता ही है कि लोग अब हरियाणा के बाहर उनकी प्रतिभा को सराह रहे हैं।


जलेबी की खास बात पूछने पर ताऊ ने बताया कि इसको बनाने में उड़द, मूंग, दाल चना सहित कई दालों को खमीर के साथ तैयार किया जाता है। खास बात है कि इसे बनाने में शुद्ध देसी घी का ही प्रयोग होता है। हालांकि आपको 250 ग्राम के पीस के लिए 80 रुपए अदा करने पड़ते हैं लेकिन फिर भी खाने-पीने के शौकीन लोग इसे हंसी खुशी बर्दाश्त कर रहे हैं। 

दामों के बारे में बलजीत ने बताया कि आजकल महंगाई इतनी ज्यादा हो रही है कि दाम बढ़ाना एक कारीगर की मजबूरी बन जाती है। ताऊ बलजीत को अपनी जलेबी की खासियत की वजह से अनेक इनाम भी मिल चुके हैं। राज्य फूड सेफ्टी एंड रैगुलेशन हरियाणा की ओर से उसे पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा चंडीगढ़ कलाग्राम, हिमाचल के मंडी में, कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री हुड्डा भी ताऊ को उनकी जलेबी के लिए पुरस्कार दे चुके हैं। राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़ियों ने भी इनको पुरस्कार दिया है जबकि मेरठ के जिलाधीश ने जलेबी की अद्भुत प्रतिभा को देखते हुए चांदी का गुर्ज भी इनाम में दिया था। अगर इन दिनों आप लोग रिज मैदान पर घूम रहे हैं तो ताऊ की जलेबी का जरूर आनंद लें।

6 महीने तक नहीं होती खराब

गोहाना से आए ताऊ बलजीत का दावा है कि शिमला की ठंडी वादियों में यह जलेबी 6 महीने आराम से प्रयोग की जा सकती है। पांच से छह महीने तक बिल्कुल खराब नहीं होती। बलजीत ने जानकारी दी कि हरियाणा में बेहद गर्मी पड़ती है फिर भी लोग इसे एक महीने के लिए आराम से ले लेते हैं। यह जलेबी हरियाणा में ही नहीं बल्कि साथ लगते पंजाब और उत्तराखंड आदि राज्यों में भी प्रसिद्ध हो चुकी है।


 

Ekta