हिमाचल में औद्योगिक निवेश के लिए 2,218 एकड़ लैंड बैंक उपलब्ध : जयराम

Tuesday, Jul 30, 2019 - 08:45 PM (IST)

शिमला (योगराज): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को ‘ग्लोबल इन्वैस्टर मीट’ की तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जानकारी दी कि सरकार तथा विभिन्न उद्यमियों के बीच अब तक 29,000 करोड़ रुपए के निवेश के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को चाहिए कि वे निवेश के इच्छुक उद्यमियों के साथ लगातार सम्पर्क बनाए रखें ताकि उन्हें प्रदेश में निवेश के प्रति प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि उन अग्रणी औद्योगिक घरानों के साथ भी सम्पर्क में रहना चाहिए, जिन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ‘रोड शो’ के दौरान प्रदेश में निवेश की इच्छा व्यक्त की है। इन उद्यमियों में देश-विदेश के निवेशक शामिल हैं।

ऑनलाइन निगरानी के उद्देश्य से हिमप्रगति पोर्टल विकसित

सी.एम. ने कहा कि ग्लोबल इन्वैस्टर मीट को सफल बनाने के लिए ‘राइजिंग हिमाचल डॉट इन वैबसाइट’ तथा ‘राइजिंग हिमाचल’ मोबाइल एप्प विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं का प्रदेश में विद्यमान निवेश की संभावनाओं को दर्शाने में अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेशकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने तथा परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी करने के उद्देश्य से हिमप्रगति पोर्टल भी विकसित किया गया है। इसी प्रकार भूमि की उपलब्धता जानने के लिए ‘लैंड बैंक पोर्टल’ भी तैयार किया है, जिसमें निजी व सरकारी दोनों प्रकार की उपलब्ध भूमि का पता चल सकेगा।

अनुपयोगी पड़ी भूमि एवं भवनों को चिन्हित करें विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए 2,218 एकड़ लैंड बैंक उपलब्ध है। इसमें 1,600 एकड़ सरकारी भूमि तथा 618 एकड़ निजी भूमि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को चाहिए कि प्रदेश में अनुपयोगी पड़ी भूमि एवं भवनों को चिन्हित करें ताकि निवेश के उद्देश्य के लिए इसका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतियों में भी सुधार लाया जा रहा है।

अब तक 253 एम.ओ.यू. साइन, 60,500 युवाओं को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 253 एम.ओ.यू. साइन किए जा चुके हैं, जिसमें प्रदेश के 60,500 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अपने-अपने क्षेत्र में निवेश की उपलब्ध संभावनाओं का लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो रियालंस, टाटा, महिन्द्रा, गोदरेज, ऑबराय तथा क्लब महिन्द्रा जैसे अग्रणी पूंजीपतियों के साथ सम्पर्क बनाए रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इन सभी घरानों ने उनके मुम्बई व अन्य क्षेत्रों के दौरे के दौरान प्रदेश में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में आयोजित किए गए ‘रोड शो’ के दौरान हुए कार्यों में प्रगति की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए।

शिमला तथा कुल्लू में निवेश की व्यापक संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के प्राधिकरणों को भी प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं सम्बन्धित मंत्रालयों से ऐसी संभावनाओं को अमल में लाने के लिए बात करेंगे। बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि शिमला तथा कुल्लू में उद्यमियों की सुविधा के लिए छोटे सम्मेलन आयोजित किए जाएं क्योंकि यहां पर्यटन, स्वास्थ्य, आई.टी., शिक्षा एवं कौशल विकास, विद्युत तथा रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं। इससे इच्छुक उद्यमियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने में सुविधा होगी। मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि प्रदेश में निवेश के निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए उद्यमियों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

ये रहे बैठक में मौजूद

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेदा संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव बागवानी आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव शिक्षा के.के. पंत, प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव वित्त अक्षय सूद, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Vijay