ठगबाज के झांसे में आया रिटायर्ड डाक्टर, ऐसे गंवा दी खून-पसीने की कमाई

Wednesday, Dec 05, 2018 - 05:42 PM (IST)

मंडी (नीरज): हिमाचल के भोले-भाले लोगों को प्रलोभन देकर ठगना कितना आसान है इसका एक और उदाहरण सामने आया है। इस बार ठगबाजी का शिकार हुए हैं मंडी जिला के करसोग उपमंडल निवासी सुरेंद्र कुमार। सुरेंद्र कुमार पुत्र गोबिंद राम गांव बरल का रहने वाले हैं और 6 महीने पहले ही आयुर्वेद विभाग से डाक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सुरेंद्र कुमार के साथ ठगी का सिलसिला 10 सितम्बर को शुरू हुआ। एफ.जी.आई. कंपनी के चार्टड अकाऊंटैंट ने सुरेंद्र को फोन करके 6 वर्षों में पैसा डबल करने का प्लान बताया और यह भी कहा कि उसके बाद आजीवन पैंशन भी मिलती रहेगी।

सुरेंद्र के मन में आ गया लालच

फोन पर हुई बात से ही सुरेंद्र के मन में लालच आ गया और पैसा डबल होने के सपनों ने उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी। सुरेंद्र ने रिटायरमैंट के बाद मिली पूंजी को कंपनी के पास जमा करवाना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने 4 लाख रुपए कंपनी के पास जमा करवा दिए। इसके बाद पैसा जमा करवाने का सिलसिला जारी रहा और धीरे-धीरे सुरेंद्र ने कंपनी के पास 58 लाख 46 हजार 700 रुपए जमा करवा दिए या यूं कहें कि लूटा दिए।

करीबी से बात की तो ठगी का चला पता

सुरेंद्र ने इस बारे में अपने किसी करीबी से बात की तो उसने सुरेंद्र को चेताया कि वह गलत कर रहा है। इसके बाद सुरेंद्र करसोग थाने में पहुंचा और सारी आपबीती पुलिस को सुनाई। इसके बाद पुलिस ने धारा 420 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। डी.एस.पी. करसोग अरुण मोदी ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में सारी जानकारी खंगाली जा रही है और उसके आधार पर पड़ताल को आगे बढ़ाया जाएगा।

समझदार व्यक्ति भी झांसे में आकर गंवा रहे पैसे

यहां सोचने वाली बात यह है कि राज्य सरकार, प्रशासन और पुलिस विभाग आए दिन साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बावजूद इसके लोग ठगबाजों के झांसों में आने से नहीं बच पा रहे हैं। इस मामले में तो यह जानकर हैरानी हो रही है कि डाक्टर के पद पर तैनात समझदार व्यक्ति भी लालच के फेर में आकर अपनी जिंदगी भर की जमापूंजी को गंवा चुका है।

Vijay