हिमाचल के लाखों राशन कार्ड धारकों को राहत, पढ़ें पूरी खबर

Friday, Nov 15, 2019 - 10:03 AM (IST)

शिमला (राजेश कौंडल): प्रदेश सरकार ने सस्ते राशन के डिपो में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपदान पर दी जाने वाली 4 दालों में से 2 दालों के दामों में वृद्धि कर दी है। वहीं 1 दाल के दाम करते हुए कुछ राहत प्रदान की है। वहीं एक दाल के दाम पहले की तरह रखे हैं। सरकार ने दो दालों में 10 से 15 रुपए वृद्धि की है। वहीं एक दाल में 5 रुपए की कटौती की है। यह कीमतें इसी माह से लागू होंगी। क्योंकि प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में दो माह से दालें नहीं मिली हैं और इस माह भी अब दालों का कोटा डिपुओं में पहुंच रहा है। 

सरकार द्वारा जारी दालों की कीमतें आगामी छह माह तक लागू रहेंगी। सरकार के इस फै सले से जहां प्रदेश के 18 लाख उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। वहीं उपभोक्ताओं को बड़ा झटका भी लगा है। हालांकि अभी दालों की कीमतों में ही बढ़ौतरी व कटौती की गई है। डिपुओं में मिलने वाले अन्य खाद्य पदार्थों के दाम भी बढ़ या घट सकते हैं। इससे पहले सरकार ने तेल के दामों में बढ़ौतरी की थी। फूड एंड सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन शिमला के एरिया मैनेजर रमा कांत ने बताया कि दालों का नया कोटा पहुंच गया है। वहीं दो दालों के दाम बढ़े व एक दाल के दाम कम हुए हैं। डपुओं में दालें पहुंचाई जा रही हैं।

बाजारों के साथ अब डिपुओं में भी दालें होने लगी महंगी

बाजारों के साथ अब डिपुओं में भी दालें महंगी होने लगी हैं। बाजारों में जहां माह व मलका दाल 80 रुपए पहुंच गए हैं, वहीं डिपो में इनके दाम 50 रुपए तक पहुंच गए हैं। ऐसे में सस्ते राशन के डिपो में लोगों को महंगाई मिल रही है।

दो माह बाद पहुंची डिपुओं में दालें

प्रदेश भर में जनजातीय क्षेत्रों में 5 माह की दालों की सप्लाई भेजे जाने के कारण प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में दालें नहीं पहुंच रही थीं। ऐसे में उपभोक्ता दो माह से दालों का इंतजार कर रहे थे। वहीं दालें न मिलने के कारण डिपुओं से महंगी दरों पर दालें खरीद रहे थे, लेकिन अब कुछ दालें डिपुओं में महंगी मिलेगी। इस माह डिपो में उड़द की दाल 15 रुपए महंगी तो मूंग की दाल 10 रुपए महंगी मिलेगी। हालांकि दाल चना डिपुओं में 5 रुपए सस्ता मिलेगा।

डिपुओं में कोटा हो रहा कम, बढ़ रहे दाम

सरकार के सस्ते राशन के डिपुओं में धीरे-धीरे कोटा कम हो रहा है और दाम बढ़ रहे हैं। जहां दो से तीन साल पहले डिपुओं में 20 से 21 किलो आटा मिलता था वहीं अब यह 12 ही रह गया है। इसके अतिरिक्त जहां चावल भी 12 से 13 किलो मिलते थे, वहीं अब यह 5 से 6 किलो तक पहुंच गया हैं। यही नहीं राशन समय पर न मिलना भी राशन उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी सिर दर्दी बनी हुई है।

Ekta