केंद्र ने हिमाचल को स्वाधार गृह योजना के तहत जारी की पहली किस्त

Wednesday, Jan 20, 2021 - 05:48 PM (IST)

शिमला (राक्टा): घरेलू हिंसा व अन्य उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को अब प्रदेश सरकार सहारा देगी। केंद्र की स्वाधार गृह योजना के तहत जहां ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार रोजगार मुहैया करवाएगी, वहीं बेसहारा होने की स्थिति में उनके रहने के लिए छत का इंतजाम भी किया जाएगा। इसी कड़ी में केेंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उक्त योजना के तहत 3 लाख 35 हजार 850 रुपए की पहली किस्त हिमाचल को जारी की है।

बेसहारा महिलाओं को योग्यता अनुसार दी जाती है ट्रेनिंग

योजना के अंतर्गत बेसहारा महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार अलग-अलग ट्रेनिंग देकर रोजी-रोटी कमाने लायक बनाया जाता है। इस योजना में महिलाओं को उनके परिवार में लौटने के लिए कानूनी मदद भी उपलब्ध करवाई जाती है, साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने और उनका आत्मसम्मान लौटाकर उन्हें समाज में रहने के लिए भी सक्षम बनाया जाता है।

1 साल तक होस्टल में रहने की मिलती है अनुमति

स्वाधार गृह योजना के तहत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को 1 साल तक होस्टल में रहने की अनुमति दी जाती है। 55 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 60 वर्ष तक स्वाधार गृह में रह सकती हैं। उसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया जाता है। यदि महिला की संतानों में पुत्रियां भी हैं तो पुत्री 18 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकती है। यदि पुत्र है तो वह 12 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकता है। इसके अलावा मेडिकल सुविधा भी मुहैया करवाई जाती है।

यह है स्वाधार गृह योजना

ऐसी महिलाओं, जिन्हें दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा एवं अन्य किसी कारण से घर से निकाल दिया गया हो तथा उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं हो या शारीरिक रूप से अक्षम हों, उनको आश्रय देने के मकसद से उक्त योजना को केंद्र सरकार ने शुरू किया था। इस स्कीम में महिलाओं के रहने-खाने समेत कपड़े और अन्य जरूरी चीजें मुहैया करवाई जाती हैं।

प्रदेश में क्या कदम उठाए, देनी होगी रिपोर्ट

प्रदेश मेंं स्वाधार गृह योजना के तहत किस तरह के कदम उठाए गए हैं और कितनी महिलाओं को सहारा दिया जा रहा है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजनी होगी।

Vijay