बंदर मारने के रेट बढ़े, आतंक बढ़ गया तो सरकार ने लिया फैसला

Thursday, Aug 01, 2019 - 05:57 PM (IST)

शिमला: प्रदेश में बंदरों का आतंक किस कदर बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बंदर मारने की अनुमति देते हुए इसकी राशि भी बढ़ाने जा रही है। दरअसल राजधानी में बीते कुछ सालों में बंदरों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं और इससे निपटने के लिए सरकार ने नया तोड़ निकाला है। सरकार जल्द ही फैसला लेने जा रही है जिसके मुताबिक प्रदेशभर में एक बंदर मारने पर एक हजार रुपए दिए जाएंगे, जो कि पहले 700 रुपए दिए जाते थे।

CM और वन मंत्री का बयान
वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि लोग धार्मिक भावना के कारण बंदरों को नहीं मार रहे हैं। प्रदेश में 91 तहसील और सब तहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित किया गया है। सीएम जयराम ठाकुर ने भी कहा कि जल्द ही सरकार समस्या का हल खोजने के लिए अधिकारियों के साथ हाईलेवल बैठक भी करेगी।



बंदरों के व्यवहार पर होगी स्टडी
माना जा रहा है शिमला के बंदर बाकी बंदरों से खूंखार हैं और ऐसा क्यों हैं इसके लिए विभाग ने तय किया है कि बंदरों के व्यवहार पर स्टडी की जाएगी। बता दें कि शिमला की गंदगी को भी बंदरों के हमलों और हिंसक होने का बड़ा कारण माना जा रहा है। दरअसल सड़क किनारे डस्टबिन और गंदगी के बीच बंदर खाने की वस्तुएं ढूंढते हैं और जब कोई राहगीर सड़क से गुजर रहा होता है तो वे उस पर हमला कर देते हैं। लिहाजा वन विभाग ने फैसला लिया है कि नगर निगम से बात करके शिमला के कुछ क्षेत्रों को डस्टबिन मुक्त किया जाएगा और फिर देखा जाएगा कि वहां बंदरों की समस्या कम हुई या नहीं।



शिमला में बंदरों के काटने के चौंकाने वाले आंकड़े
शिमला में बीते पांच सालों में बंदरों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं। पांच साल में ऐसे करीब 2813 मामले सामने आए हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं। यह आंकड़ा केवल शिमला का है जबकि पूरे प्रदेश पर नजर डाली जाए तो ये आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं। लिहाजा अगर समस्या का हल नहीं निकाला गया तो शिमला को वानरराज घोषित करने में देर नहीं लगेगी।

Prashar