Shimla: अयोग्य घोषित विधायकों की पैंशन संबंधी विधेयक राजभवन ने लौटाया, जानें क्या है वजह

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2025 - 12:33 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अयोग्य घोषित 6 विधायकों की पैंशन संबंधी संशोधन विधेयक को सरकार को वापस लौटाया है। जानकारी के अनुसार राजभवन की तरफ से इस विधेयक से संबंधित कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके बाद सरकार इसका विस्तृत जवाब तैयार करके राजभवन को भेज रही है। इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र से पारित किया गया था।

इस संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद 2 पूर्व विधायकों गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पैंशन बंद हो जाएगी। इसके अलावा 4 अन्य पूर्व विधायकों धर्मशाला से सुधीर शर्मा (वर्तमान में भाजपा विधायक), बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल (वर्तमान में भाजपा विधायक), सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर की 1 टर्म की पैंशन रुक जाएगी।

इस संशोधन विधेयक के अनुसार, जिन्हें संविधान के शैड्यूल-10 के हिसाब से अयोग्य घोषित किया गया है, उनसे 14वीं विधानसभा के कार्यकाल की पैंशन व भत्तों की रिकवरी भी की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वित्त विधेयक को पास करने के दौरान सत्ता पक्ष के 6 सदस्य सदन से अनुपस्थित थे, जिस कारण उनको पार्टी व्हिप उल्लंघन का दोषी पाया गया। 

इस आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर 6 सदस्यों के खिलाफ सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने का निर्णय सुनाया था। इन्होंने पहले कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता तथा बाद में भाजपा ने उपचुनाव में इनको अपना प्रत्याशी बनाया। इसमें से भाजपा टिकट पर सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही उपचुनाव जीत पाए, जबकि शेष 4 हार गए।

1 बार विधायक बनने पर मिलती है 93000 पैंशन

हिमाचल प्रदेश में जो नेता 1 बार विधायक बन जाता है, उसे करीब 93000 रुपए पैंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पैंशन में 5-5 हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। उदाहरण के लिए यदि कोई 6 बार विधायक बन जाता है, तो पैंशन में 30 हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ जाते हैं और उसकी पैंशन बढ़कर करीब 123000 रुपए हो जाती है।


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Content Editor

Jyoti M

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