दिव्यांगजन करेंगे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का बहिष्कार, सरकार को दी दो टूक चेतावनी
punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2019 - 04:49 PM (IST)
सुंदरनगर (नितेश सैनी) : हाल ही में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न श्रेणियों के दिव्यांगजनों के साथ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें 27 सूत्रीय मांग पत्र के ऊपर विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया। जिसमें दिव्यांगजनों की विभिन्न मांगों को मानने के लिए सहमति बनी और इस संदर्भ में 24 अक्टूबर को दिव्यांगजनों को बैठक के संदर्भ में फीडबैक दी गई। जिसकी मीटिंग के विवरण सभी विभागीय अधिकारियों को धरातल में अमलीजामा पहनाने के लिए निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर दृष्टिहीन एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष शोभू राम और दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने हिमाचल सरकार को दो टूक शब्दों में चेताया है कि अगर बैठक में दिव्यांगजनों की मांगों को लेकर जो निर्णय लिए गए हैं धरातल पर फलीभूत नहीं हुए, तो मजबूरन होकर हिमाचल प्रदेश के दिव्यांगजनों को अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कार्य रुख अख्तियार करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस से पहले 3 दिसंबर तक दिव्यांगजनों की मांगों को अमलीजामा नहीं गया, तो वह इसका पूर्ण रूप से हिमाचल में बहिष्कार करेंगे और इस दिवस के उपलक्ष्य पर कोई भी सरकारी व गैर सरकारी कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के किसी भी संस्थान में नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों की मुख्य मांग जोकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अभी हाल ही में निर्णय हिमाचल सरकार को फटकार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से अमलीजामा पहनाने का दिया है कि इनकी सेवानिवृत की उम्र 58 से 60 वर्ष में की जाए। लेकिन इस दिशा में अभी भी सरकार आंख मूंदकर बैठी है।
वहीं दूसरी ओर विभिन्न विभागों में बैकलॉग पदोन्नति के अलावा अन्य 27 विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर चर्चा की गई है। जिस पर सहमति जताते हुए मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को भी तत्काल रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। कुशल कुमार सकलानी और शोभू राम ने कहा कि 3 दिसंबर के बाद वह अमरण अनशन पर बैठने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि इस दौरान दिव्यांगजनों के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है तो उसके लिए सीधे तौर पर शासन और प्रशासन जिम्मेदार होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 दिसंबर तक कानून 2016 के अनुसार उक्त तमाम सुख सुविधाएं दिव्यांगजनों को देने के फरमान सुनाए हैं।