PWD ने लिया संज्ञान, फील्ड लैब व इंजीनियर तैनात न किए तो होगा इतना जुर्माना

Wednesday, Sep 04, 2019 - 10:12 AM (IST)

 

शिमला (देवेंद्र): पी.डब्ल्यू.डी. ने एक करोड़ या इससे अधिक के काम में फील्ड लैबोरेट्री और फील्ड इंजीनियरों की तैनाती न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। प्रमुख अभियंता प्रोजैक्ट ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने के मकसद से काम अवार्ड होने के 15 दिनों के भीतर फील्ड लैब और तकनीकी स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए हैं। यह सब एग्रीमैंट की शर्तों के मुताबिक ठेकेदार को करना होगा। ऐसा न करने की सूरत में ठेकेदार को 25 हजार रुपए की पैनल्टी लगाई जाएगी। फील्ड लैब और फील्ड इंजीनियरों की तैनाती करके विभाग ने रूटीन टैस्टिंग सुनिश्चित बनाने को कहा है। इस दौरान विभाग की लैब में भी निर्माण सामग्री की टैस्टिंग करवानी होगी। इसका खर्चा ठेकेदार को उठाना होगा।

पी.डब्ल्यू.डी. का दावा है कि ज्यादातर काम में देखने में आया है कि ठेकेदार न तो फील्ड लैब स्थापित करते हैं और न ही फील्ड इंजीनियर तैनात किए जाते हैं। जबकि विभाग और ठेकेदार के बीच होने वाले एग्रीमैंट के मुताबिक गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने के लिए यह अनिवार्य होता है। हिमाचल में इसकी अनदेखी की जाती रही है। इस पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने सभी चीफ इंजीनियर को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं कि भविष्य में फील्ड लैब और दक्ष तकनीकी स्टाफ तैनात किया जाए। ठेकेदारों से अधिकारियों की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एक करोड़ से कम के काम में भी टैस्टिंग जरूरी

पी.डब्ल्यू.डी. ने एक करोड़ से कम के काम में भी निर्माण सामग्री की टैस्टिंग अनिवार्य की गई है। ऐसे काम की टैस्टिंग विभागीय लैब में की जाएगी। विभाग ने अधिकारियों को निर्माण सामग्री की नियमित तौर पर टैस्टिंग सुनिश्चित बनाने को कहा है। ठेकेदार को रखना होगा तकनीकी स्टाफ ठेकेदार को हर हाल में तकनीकी स्टाफ कनिष्ठ अभियंता, सुपरवाइजर की तैनाती करनी होगी। तकनीकी स्टाफकी तैनाती न करने पर भी ठेकेदार को 25 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। तकनीकी स्टाफ के लिए पांच साल का अनुभव अनिवार्य किया गया है। ठेकेदार को अपने तकनीकी स्टाफ के अनुभव के सर्टीफिकेट विभाग के समक्ष पेश करने होंगे और चीफ इंजीनियर, एस.ई. इत्यादि द्वारा निरीक्षण के दौरान तकनीकी स्टाफ मौके पर अनिवार्य होगा।

Edited By

Simpy Khanna