सड़क की घटिया टारिंग मामले में Xen, SDO व JE को क्लीन चिट, चेतावनी देकर छोड़ा

Tuesday, Nov 12, 2019 - 08:06 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): सिरमौर के पांवटा डिवीजन की एक सड़क पर घटिया टारिंग के मामले में एक्सियन सहित एसडीओ और जेई को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। पीडब्ल्यूडी ने तीनों अधिकारियों को भविष्य में गुणवत्ता से समझौता न करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया है। इससे पहले पीडब्ल्यूडी ने पांवटा की दलित बस्ती खेरमणी को जोडऩे वाली सड़क की घटिया टारिंग को लेकर तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी किए थे। सूत्रों की मानें तो पूर्व में अधीक्षण अभियंता दीपक शर्मा के नेतृत्व में गठित 8 सदस्यीय कमेटी ने सड़क की गुणवत्ता पर कुछ सवाल उठाए थे लेकिन बाद में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता ने चीफ इंजीनियर एचपीआरआईडीसी को जांच का जिम्मा सौंपा। चीफ इंजीनियर की जांच में ज्यादा गड़बडिय़ों का उल्लेख नहीं किया गया। इसी रिपोर्ट के कारण तीनों इंजीनियर पर से कार्रवाई की तलवार हट गई है।

विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने की थी शिकायत

पांवटा डिवीजन के 3 अधिकारियों पर आरोप है कि एक किलोमीटर सड़क की टारिंग में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। इस सड़क की टारिंग पर तकरीबन 9 लाख रुपए खर्च किए गए, इससे पैसे का दुरुपयोग हुआ है। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने खेरमणी गांव को जोडऩे वाली सड़क का खुद निरीक्षण किया था। उन्होंने सड़क की टारिंग को निम्र स्तर का बताते हुए सरकार के क्वालिटी कंट्रोल विंग से इसकी शिकायत की। क्वालिटी कंट्रोल विंग के निर्देशों पर बिंदल की शिकायत पर सड़क की जांच करवाई है।

गुणवत्ता जांचने को क्वालिटी कंट्रोल स्क्वायड

मौजूदा सरकार ने बीते साल के बजट में ही मुख्यमंत्री कार्यालय में गुणवत्ता नियंत्रण दस्ता खोलने की घोषणा की थी। सरकार ने इसका गठन कर लिया है। इसका मकसद सड़क, भवन सहित आईपीएच, बिजली बोर्ड व हिमुडा के निर्माण की गुणवत्ता को जांचना है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव व गुणवत्ता नियंत्रण सैल के अध्यक्ष संजय कुंडू स्वयं निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

तीनों इंजीनियरों को चेतावनी देकर छोड़ा : वर्मा

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता आरके वर्मा ने बताया कि चीफ इंजीनियर एचपीआरआईडीसी की जांच रिपोर्ट के आधार पर तीनों इंजीनियरों को चेतावनी दी गई है। इन्हें भविष्य में गुणवत्ता से समझौता न करने की हिदायत दी गई है।

Vijay