पूर्व एडवोकेट जनरल सहित 8 भवन मालिकों को PWD का नोटिस, 15 दिन में करना होगा ये काम

Wednesday, Jul 17, 2019 - 09:20 PM (IST)

शिमला (योगराज): राजधानी शिमला के उपनगर भराड़ी के दुधली गांव से देवीधार जाने वाली सड़क के किनारे करीब एक दशक पहले से बने 8 भवनों के मालिकों को लोक निर्माण विभाग के डिविजन नंबर-1 शिमला के कनिष्ठ अभियन्ता ने 15 दिन के भीतर अपने भवन गिराने के नोटिस जारी किए हैं। लोक निर्माण विभाग ने ये नोटिस प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा सहित उर्मिला ठाकुर, राजकुमार, सीमा सूद, रविन्द्र ठाकुर, राजेश चौहान, हीरा सिंह वर्मा और मोहन सिंह को जारी किए है। इनके खिलाफ आरोप है कि इन लोगों ने रोड साइड कंट्रोल विड्थ के 3 मीटर दायरे के भीतर मकान बनाकर एक्ट की उल्लंघना की है।

डॉक्टर बंता ने ली थी आर.टी.आई.

बता दें कि प्रदेश उच्च न्यायलय ने एक समय ये निर्देश जारी किए थे कि इलेजियम/देवीधार सड़क की चौड़ाई वाहन चलाने योग्य होनी है। उच्च न्यायालय के इन निर्देशों पर कितना और क्या अमल हुआ है, इसकी जानकारी एक आर.टी.आई. के माध्यम से डॉक्टर बंता ने 11 मई, 2018 को मांगी थी। इस आर.टी.आई. के परिणामस्वरूप अब एक साल बाद यह नोटिस भेजने की कार्रवाई की गई है।

नोटिस जारी करने पर उठे सवाल

नोटिस जारी करने पर जो सवाल खड़े हुए हैं वे भी महत्वपूर्ण हैं और पूरे तंत्र की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हैं। मकान और यह सड़क उच्च न्यायालय के निर्देशों से बहुत पहले बने हैं और तभी रोड साइड एक्ट की उल्लंघना हो चुकी थी। एक्ट में तो पहले दिन से ही यह मौजूद है कि कंट्रोल विड्थ के 3 मीटर के दायरे के भीतर बिना अनुमति के निर्माण नहीं हो सकता, ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक है कि जब यह निर्माण शुरू हुए थे तब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कहां थे और उस समय निर्माण कार्य को क्यों नहीं रोका गया।

टी.सी.पी. और नगर निगम शिमला के दायरे में आता है भराड़ी क्षेत्र

भराड़ी क्षेत्र टी.सी.पी. और नगर निगम शिमला दोनों के दायरे में आता है। इसलिए स्वभाविक है कि इन भवनों के नक्शे भी संबद्ध अथॉरिटी से पास करवाए ही गए होंगे। यदि ये भवन नक्शा पास करवा कर बनाए गए हैं तो उस समय नक्शा पास करने से पहले इस एक्ट की अनुपालना सुनिश्चित क्यों नहीं की गई?

Vijay