1368 पीटीए शिक्षकों को बड़ी राहत, 1 अप्रैल, 2018 से मिलेगा नियमितीकरण का लाभ

Wednesday, Apr 26, 2023 - 11:27 PM (IST)

शिमला (मनोहर): सुप्रीम कोर्ट से लैफ्ट आऊट पीटीए शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नियमितीकरण से छूटे 1368 पीटीए शिक्षकों को राहत देते हुए सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने 3 जनवरी, 2008 से पहले नियुक्त पीटीए अध्यापकों को वर्ष 2018 से नियमित करने के आदेश जारी किए थे। प्रदेश हाईकोर्ट ने लैफ्ट आऊट पीटीए शिक्षकों की याचिकाओं को स्वीकारते हुए उन्हें 1 अप्रैल 2018 से नियमित करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के निर्णय में दखल देने का कोई आधार नहीं मिला, इसलिए विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। वहीं अब ये शिक्षक 1 अप्रैल 2018 से नियमितीकरण के लाभार्थी हो जाएंगे। प्रार्थी शिक्षकों के अनुसार शुरू में वे अन्य पीटीए अध्यापकों की तरह ग्रांट इन एड आधार पर लगे थे। वर्ष 2014-2015 में सरकार ने कुछ शिक्षकों को अनुबंध पर लाया और 1 अप्रैल, 2018 से नियमित भी कर दिया परंतु उन्हें छोड़ दिया गया। 

सरकार ने हाईकोर्ट में कही थी ये बात 
हाईकोर्ट में सरकार का कहना था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के आदेशों के कारण प्रार्थियों को नियमितीकरण का लाभ नहीं दिया जा सका। सुप्रीम कोर्ट से फैसला पीटीए शिक्षकों के हक में आने के बाद उन्हें भी 20 अगस्त, 2020 से नियमित कर दिया गया। शिक्षा विभाग का कहना था कि अन्य पीटीए शिक्षक, जो 2014-15 में कांट्रैक्ट पर आ गए थे, उन्हें कांट्रैक्ट रैगुलराइजेशन पॉलिसी का लाभ देते हुए 1 अप्रैल, 2018 से नियमित किया गया। कोर्ट ने सरकार के इस रवैये को मनमाना व भेदभावपूर्ण मानते हुए सभी लैफ्ट आऊट पीटीए शिक्षकों को वर्ष 2018 से नियमितीकरण का लाभ देने के आदेश पारित किए थे।

अनुबंध से छूट गए थे ये शिक्षक 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में नौकरी में गैप पीरियड व दस्तावेजों के शिक्षा निदेशालय में देरी से पहुंचने के चलते 1368 पीटीए शिक्षक अनुबंध पर आने से छूट गए थे। इस दौरान सरकार ने करीब 5100 पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट में पंकज कुमार बनाम स्टेट केस विचाराधीन होने के चलते ये शिक्षक अनुबंध पर आने से छूट गए थे। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। वर्ष 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने पीटीए शिक्षकों के हक में फैसला दिया था, जिसके पश्चात लैफ्ट आऊट पीटीए शिक्षक 2020 से ही नियमित किए गए, जबकि उनकी तरह ही उनके साथी शिक्षक वर्ष 2018 से नियमितीकरण का लाभ ले रहे थे।

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Content Writer

Vijay