Himachal: बिजली बोर्ड में 600 पद समाप्त करने की तैयारी, कर्मचारियों ने दी आंदोलन की धमकी
punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2025 - 11:16 AM (IST)
शिमला (राजेश): बिजली बोर्ड ने कर्मचारियों व इंजीनियरों के 600 पदों को समाप्त करने की तैयारी कर दी है। वीरवार को हुई बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में बोर्ड में वर्तमान में चल रहे कर्मचारियों व इंजीनियरों के 600 पदों को खत्म करने पर मोहर लगाए जाने की सूचना है। हालांकि प्रदेश सरकार व बोर्ड का कोई उच्चाधिकारी निदेशक मंडल बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार नहीं है। अब निदेशक मंडल की तरफ से जिन पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, उस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है। वहीं बैठक के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारियों व इंजीनियरों ने इस निर्णय को लेकर अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी है।
वर्तमान में खाली हैं 11989 पद
निदेशक मंडल की बैठक राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। बैठक में राज्य सरकार के ऊर्जा व वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद है। बैठक में बोर्ड में 600 पदों को पहले चरण में खत्म करने का प्रस्ताव लाया। इसमें बताया गया कि वर्तमान में बोर्ड में 25435 पद स्वीकृत हैं। इनमें से खाली पदों की संख्या 11989 है। इनमें से बिजली बोर्ड के ऑप्रेशन विंग में 10178 कर्मचारी, स्थापना विंग में 995 कर्मचारी, जैनरेशन विंग में 1014 व 96 कर्मचारी अन्य विभागों में हैं। वर्तमान में बिजली बोर्ड में 13446 कर्मचारी कार्यरत हैं। 600 पद खत्म हुए हैं।
7376 पद खत्म करने का है प्रस्ताव
निदेशक मंडल की बैठक में जो प्रस्ताव आया था, उसमें कुल मिलाकर बिजली बोर्ड में आने वाले समय में 7376 पदों को खत्म किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 600 पदों को खत्म किया जा रहा है। राज्य बिजली बोर्ड में मंजूर पदों में से 29 फीसदी पदों को खत्म करने का प्रस्ताव है। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के पदों को बोर्ड प्रबंधन के फैसले के बाद खत्म किया जाएगा। इन पदों को खत्म करने के साथ ही कर्मचारियों को दूसरे विभागों में भेज दिया जाएगा।
बिजली बोर्ड के फैसले से कर्मचारी नाराज, सीएम से करेंगे मुलाकात
बीओडी के इस फैसले को लेकर बोर्ड कर्मचारियों में भारी रोष है। कर्मचारियों ने बीते दिनों निदेशक बिजली बोर्ड को पत्र लिखकर इसमें चर्चा के लिए समय मांगा था, लेकिन निदेशक की ओर से इसमें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया। वहीं अब बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव व संयुक्त मोर्चा के सह समन्वयक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड प्रबंधन के इस फैसले का विरोध किया जाएगा। जल्द ही इस मसले को लेकर राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों का संयुक्त मोर्चा मुख्यमंत्री से मिलेगा। इसमें भी राहत नहीं मिलती है तो आने वाले समय में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। वहीं हमीरपुर में होने वाली महापंचायत से पहले भी इस मुद्दे पर अहम बैठक की जाएगी।
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