हिमाचल में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को एक्ट में बदलने की तैयारी

Sunday, Jun 20, 2021 - 11:41 PM (IST)

शिमला (प्रीति): प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को एक्ट में बदलने की तैयारी की जा रही है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विभाग को इसका ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अधिकारियों को मामले पर हर पहलुओं को देखते हुए एक्ट का ड्राफ्ट बनाने को कहा है ताकि इससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले। शहरी विकास विभाग की इस योजना से शहरी क्षेत्रों में विशेषकर लॉकडाऊन के दौरान लोगों को रोजगार मिला है। इससे पूर्व भी इससे सैंकड़ों लोगों को फायदा हुआ है, ऐसे में सरकार अब इस योजना को एक्ट में बदलने जा रही है।

मौजूदा समय में 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला

जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत एक अप्रैल, 2021 से लेकर 1300 लोगों का पंजीकरण किया गया था, जिनमें से 50 प्रतिशत से अधिक पंजीकरण 7 मई, 2021 के पश्चात लॉकडाऊन के दौरान किए गए हैं। मौजूदा समय में इस योजना के तहत 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है जबकि 800 से अधिक व्यक्तियों को जॉब कार्ड प्रदान किए गए हैं। इस वर्ष मार्च माह तक इस योजना के अंतर्गत 5000 लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है, जिनमें से 4800 को जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं। बीते मार्च माह तक लगभग 4500 लोगों को इसके तहत रोजगार प्रदान किया गया है।

योजना के लिए 4 करोड़ रुपए का प्रावधान

इस वित्त वर्ष के लिए योजना के लिए 4 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इस योजना पर 3 करोड़ रुपए व्यय किए गए थे। बताया जा रहा है कि देश का हिमाचल पहला राज्य है, जहां शहरी क्षेत्रों के लिए शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की गई है। हालांकि कुछेक राज्यों में लॉकडाऊन में घर लौटे लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन इन राज्यों में इस तरह की योजना नहीं है। इस योजना के तहत जॉब कार्ड भी जारी किए जा रहें हैं। जॉब कार्ड जारी होने के 15 दिनों के भीतर शहरी स्थानीय निकायों के निवासियों को 120 दिन के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित की गई है, अन्यथा 75 रुपए प्रतिदिन बेरोजगार भत्ता प्रदान किया जाएगा।

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Vijay