एक पावर प्रोजैक्ट से होगा दोगुना मुनाफा, पानी व सोलर से एक साथ पैदा होगी बिजली

Saturday, Sep 28, 2019 - 10:35 AM (IST)

शिमला (कुलदीप) : राज्य में निर्माणाधीन और आगामी समय में स्थापित किए जाने वाले पावर प्रोजैक्टों में अब पानी और सोलर से एक साथ बिजली पैदा होगी। इससे एक ही पावर प्रोजैक्ट से दोहरा मुनाफा कमाया जा सकेगा। इसके तहत एन.टी.पी.सी. के कोलडैम प्रोजैक्ट में पन विद्युत ऊर्जा के अलावा सोलर से भी बिजली पैदा होगी। एन.टी.पी.सी. ने इसके लिए सोलर फ्लोटिंग प्लांट लगा रहा है, जिससे 15 मैगावाट बिजली पैदा होगी। इस पर करीब 60 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

यह सोलर फ्लोटिंग प्लांट कोल डैम के पानी के ऊपर लगाया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट से हिमाचल प्रदेश को 12 फीसदी मुफ्त बिजली रायल्टी के रूप में मिलेगी और 15 फीसदी हिस्सा उत्पादन मूल्य पर दिया जाएगा। यानी 800 मैगावाट बिजली पन विद्युत से और 15 मैगावाट सोलर से पैदा होगी। इस प्रोजैक्ट के बनने से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ को लाभ होगा। इतना ही नहीं राष्ट्रीय महत्व के श्री रेणुका जी प्रोजैक्ट में पानी से 40 मैगावाट और सोलर से 400 मैगावाट बिजली उत्पादन का उत्पादन होगा। श्री रेणुका जी प्रोजैक्ट से दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा को पानी उपलब्ध होगा।

थाना पलोन प्रोजैक्ट निर्माण पर भी ध्यान

हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन की तरफ से 191 मैगावाट के थाना पलोन प्रोजैक्ट का निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है। मंडी में ब्यास नदी पर बनने वाले इस प्रोजैक्ट के लिए 107 मीटर ऊंचे स्थान पर कंकरीट गुरुत्वाकर्षण बांध का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। प्रोजैक्ट में पानी के अलावा सोलर से भी बिजली तैयार करने पर विचार किया जा रहा है।

कोल डैम प्रोजैक्ट को लेकर समिति का पुनर्गठन

कोल डैम प्रोजैक्ट से विस्थापितों की समस्याओं के निवारण के लिए पुनर्वास एवं सलाहकार समितियों का पुनर्गठन हाल ही में किया गया है। समितियों का यह पुनर्गठन 2 स्तरों पर किया गया है। पहले स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का पुनर्गठन किया गया है, जबकि दूसरे स्तर पर बिलासपुर, मंडी, शिमला और सोलन जिला की समितियों का पुनर्गठन किया गया है।

Edited By

Simpy Khanna