हिमाचल में समोसे को लेकर गर्मायी सियासत, सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 08:00 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में समोसे पर सियासत गर्माने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। सत्तापक्ष ने आरोप लगाया है कि विपक्ष मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है बल्कि एक कार्यक्रम के लिए मंगाए गए समोसों की इन्क्वायरी की चिंता है। वहीं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को दिल्ली में मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा बचकाना बात कर रही है और बचकाना बात से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे मसले पर डीजी सीआईडी पूरी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं, ऐसे में मामले को बेवजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस के 40 विधायक बने हैं, तब से विपक्ष कोई न कोई तथ्यहीन बात करता रहता है। सीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मामला मिस बिहेवियर का था, जिसको समोसे से जोड़ दिया गया। 

जिसने भी समोसे खाए, वह सरकार का हिस्सा रहा होगा : जयराम
वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में सरकार का फैसला करने का तरीका पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार पहले बिना सोचे-समझे फैसले लेती है और उसके बाद जब चारों तरफ जगहंसाई होती है तो फैसलों को बदलने की कोशिश होती है। अब समोसे से जुड़ा मामला चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि समोसे जहां पहुंचने थे, वहां नहीं पहुंचे और बीच में गुम हो गए। सरकार को शायद यह गंभीर विषय लगा, इसलिए जांच करवाई गई और इसे सरकार विरोधी गतिविधि बताया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि समोसे विपक्ष ने तो नहीं खाए, जिसने भी समोसे खाए, वह सरकार का हिस्सा रहा होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार हो रहे हैं और उनकी जांच नहीं हो रही। जांच हो रही है तो सिर्फ समोसों की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार बिल्कुल फेल हो चुकी है और इस सरकार का पूरे देश के अंदर मजाक बन चुका है। 

कुछ लोग सरकार को बदनाम करने की कर रहे साजिश : नरेश चौहान
वहीं मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने कहा कि सरकार इस मामले की कोई जांच नहीं कर रही है। यह सीआईडी का आंतरिक मामला है, जिससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शामिल हुए थे और वहां पर उन्होंने विभाग के कार्यों की फीडबैक ली, लेकिन अब इस मामले को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है तथा इसे राजनीतिक रंग देने के प्रयास हो रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। चौहान ने आरोप लगाया कि कुछ लोग सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।

समोसों पर जांच बिठाना हैरानी की बात: सतपाल सत्ती
विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने शिमला में कहा कि समोसों पर जांच बिठाना हैरानी की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़े-बड़े स्कैंडल हो रहे हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए। सरकार को छोटी-छोटी बातों में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समोसे खाने जैसी छोटी सी बात पर इन्क्वायरी बिठाना और इतने बड़े अधिकारियों को संलिप्त करना तथा जिन लोगों की गलती ध्यान में आ रही है, उनके लिए एंटी स्टेट व एंटी गवर्नमैंट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत हैरान कर देने वाली बात है। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है, बल्कि कार्यक्रम के अंदर मंगाए गए समोसों की इन्क्वायरी की चिंता है।

यह सीआईडी का आंतरिक मामला : डीजी ओझा
डीजी सीआईडी एसआर ओझा ने शुक्रवार को पूरे मसले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सीआईडी का आंतरिक मामला है। बीते दिनों साइबर डाटा सैंटर के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री बतौर मुख्यातिथि सीआईडी मुख्यालय आए थे। कार्यक्रम सफल होने के बाद कुछ अधिकारी दफ्तर में बैठकर चाय पी रहे थे। इस दौरान किसी ने कहा कि कुछ मंगवाया था, वह कहां गया। ऐसे में बस पता करने को कहा गया। इसमें न तो किसी को नोटिस दिया गया और न ही किसी की जवाबतलबी की गई। बस बात इतनी थी कि पता करने को कहा गया था, लेकिन रिपोर्ट लिखित में आ गई है। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है कि इसको माध्यम बनाकर किसी को टारगेट किया जाए, साथ ही उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए। एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि रिपोर्ट कैसे लीक हुई, इसे देखा जाएगा।
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Content Writer

Vijay

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