अवैध खनन पर अब ड्रोन से नजर रखने की योजना

punjabkesari.in Sunday, Oct 25, 2020 - 11:50 AM (IST)

धर्मशाला (तनुज) : हिमाचल में बढ़ रही अवैध खनन की समस्या से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने ड्रोन सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई है। हर जिला में ड्रोन की मदद से अवैध खनन पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा मंदिरों में भी ड्रोन के मदद से निगरानी होगी। साथ ही साईबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए इनके निपटारे के लिए अलग से साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन खोलने को भी पुलिस ने प्रस्ताव भेजा है। जिससे कि साईबर क्राइम के मामलों को अलग से ही टीम जांच करेगी। वहीं, पुलिस थानों में अब आत्महत्या के मामलों को रजिस्टर करने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जनवरी 2021 में सभी पुलिस थानों में रजिस्टर नंबर 26 शुरु किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने शनिवार को धर्मशाला में नॉर्दन रेंज की रिव्यू बैठक की। बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र को मजबूत किए जाने की रुपरेखा पर चर्चा की गई। अपराध क्यों हो रहे हैं, यहां इस पर भी भी काम किया जाएगा। हेरोइन और चरस तस्करी ऊना और चंबा की बड़ी समस्या है। 

उन्होंने कहा कि कुल्लू की तर्ज पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। इसके लिए उत्तर क्षेत्र में पुलिस प्रमुखों को कुल्लू जिला का नया ट्रेफिक सिस्टम समझने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के सभी जिला अन्य राज्यों से लगते हैं एवं मुख्य बार्डर एरिया हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों को मजबूत करने का मुख्य उद्देश्य पंजाब, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों में निगरानी रखना है। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों में अज्ञात शवों तथा महिला व बच्चों की गुमशुदगी मामलों को लेकर अलग से रजिस्टर शुरु करने की भी योजना बनाई गई है। वहीं, पुलिस ने प्रदेश भर में 10 माईनिंग इंटीग्रेटेड चैकपोस्ट भी शुरु करने का प्रपोजल सरकार को भेजा है। उन्होंने कहा कि कंडक्टर भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 6 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मामले में अभी तक बहुत कुछ जांच करना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बागवानों के लिए बनाई गई एप्पल एसआईटी ने अब तक 20 करोड़ रुपये बागवानों को दिलाए हैं, जोकि पहले आढ़ती खा जाते थे। अब मंडी और धर्मशाला से भी एप्पल एसआईटी बनाने की मांग आ रही है। उन्होंने कहा कि अटल टनल बनने के बाद सिस्सू तथा मनाली वाले क्षेत्र में भी पुलिस थाना बनाना जरूरी हो गया है, इसका प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है

चीन व तिब्बति भाषा का ज्ञान रखने वाले कर्मचारी किए जाएंगे तैनात

डीजीपी ने कहा कि दिल्ली में हवाला मामले में गिरफ्तार चीनी नागरिक मामले में हिमाचल में भी 3 लोगों के साथ संपर्क की बात सामने आई थी। इसमें पुलिस ने हिमाचल में 2 संदिग्धों को हिरासत में लेकर मामले में पूछताछ की, जबकि 3 व्यक्ति हिमाचल को छोड़कर दूसरे राज्य में चला गया था। जिसकी जानकारी भी केंद्रीय एजेंसियों को दे दी गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस को भाषा की बहुत समस्या आई। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। जिसके तहत चाइनीज व तिब्बती भाषा का ज्ञान रखने वाले कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इसमें एक-एक कर्मचारी धर्मशाला, शिमला व मनाली में तैनात किया जाएगा। हवाला मामले की जांच के दौरान भी पुलिस ने दिल्ली से ट्रांसलेटर बुलाए थे।

बिहार चुनावी डयूटी के लिए भेजे 600 पुलिस कर्मी

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनावों के लिए हिमाचल से 600 पुलिस कर्मियों को भेजा गया है। कोरोना संक्रमण के बचाव को देखते हुए हर कर्मचारी को 500-500 रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं, ताकि वे इन पैसों से हेंड सैनिटाइजर व मास्क खरीद सकें। सभी 6 कंपनियों के प्रमुख को 5 लाख रुपये स्वास्थ्य सुविधा के लिए दिया गया है। अगर कोई जवान बीमारी होता है तो उसका वहां के अच्छे से अच्छे अस्पताल के इलाज करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस के लिए खुशी की बात है कि अन्य राज्यों के मुकाबले हमारे पुलिस जवान बहुत कम कोरोना संक्रमित हुए हैं। हिमाचल में कुल 16735 पुलिस जवान हैं, जिसमें सिर्फ एक प्रतिशत जवान ही कोरोना संक्रमित हुए हैं जोकि अन्य राज्यों के मुकाबले यह आंकड़ा बहुत ही कम है।

डीआईजी इंटेलिजेंस कार्यालय धर्मशाला शिफ्ट होने से मिलेगा लाभ

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि डीआईजी इंटेलिजेंस कार्यालय धर्मशाला शिफ्ट होने से प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। कार्यालय यहां शिफ्ट होने पर जम्मू कश्मीर और पंजाब में प्रदेश के गुप्तचर विभाग की पकड़ को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के चलते प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के जाने के कारण अभी इस सेंटर को खोलने में थोड़ा विलंब हो रहा है।

विशेषज्ञ तैयार करेंगे प्रदेश के लिए एक्सीडेंट मैनेजमेंट सिस्टम

डीजीपी ने कहा कि प्रदेश की सड़कों में हर साल 4000 गंभीर सड़क हादसों में 1200 से अधिक लोगों की जान जाती है। इन हादसों और मौतों को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने आईआईटी मंडी से एमओयू साइन किया है। अब आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ हिमाचल की भूगोलिक स्थिति के हिसाब से एक्सीडेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करके पुलिस को देंगे और प्रदेश के वहीं सिस्टम लागू होगा। वहीं, लॉ यूनिवर्सिटी के साथ भी एमओयू साईन किया गया है, जिससे कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी कानूनों की बारीकियों को सीख सकें।


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prashant sharma

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