IGMC में प्लास्टिक सर्जरी न होने से PGI रैफर हो रहे मरीज

Monday, May 20, 2019 - 12:55 PM (IST)

 

शिमला (जस्टा): आई.जी.एम.सी. प्रशासन भले ही सुविधा को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन यहां स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल में भी प्लास्टिक सर्जन नहीं है। ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी के लिए मरीजों को चंडीगढ़ रैफर किया जा रहा है। मरीजों को अस्पतालों में कितनी भी परेशानी क्यों न हो रही हो, लेकिन अस्पतालों की कोई सुध नहीं लेता है। जब कोई गंभीर मरीज अस्पताल में आता है तो उसी समय आई.जी.एम.सी. में तैनात डाक्टर स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि यहां पर प्लास्टिक सर्जरी नहीं होती है। मरीज को चंडीगढ़ ले जाओ। 

यहां पर सिर्फ नॉर्मल सर्जरी ही होती है। पी.जी.आई. जाने से मरीजों को भारी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। आई.जी.एम.सी. में पहले एक प्लास्टिक सर्जन था, लेकिन वह सितम्बर माह में सेवानिवृत्त हो गया है। 8 माह बीतने के बाद भी कोई डाक्टर यहां पर तैनात नहीं किया गया। सवाल तो यह है कि सबसे बड़े अस्पताल में एक प्लास्टिक सर्जन तक तैनात नहीं हो पा रहा है। हिमाचल में किसी भी अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन नहीं है। प्लास्टिक सर्जरी वाले मरीजों को सीधे ही चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। चिकित्सक भी यही हवाला देते हैं कि यह तो गंभीर मरीज है, इसे पी.जी.आई. ले जाओ।

नहीं बना लेवल वन ट्रामा सैंटर

आई.जी.एम.सी. में लेवल वन ट्रामा सैंटर खोलने को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग एक से बढ़कर एक दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ट्रामा सैंटर स्थापित नहीं हो पाया है। शिमला में सरकार ने कई जगह पर लेवल वन ट्रामा सैंटर खोलने की योजना बनाई। बाद में यह निर्णय लिया गया कि आई.जी.एम.सी. में ही इसे स्थापित किया जाएगा। दावा है कि आई.जी.एम.सी. में बन रहे नए भवन में ट्रामा सैंटर स्थापित किया जाएगा। यहां पर सोचने का विषय तो यह है कि अगर यह ट्रामा सैंटर खुल भी जाता है तो चिकित्सक कहां से उपलब्ध किए जाएंगे। ट्रामा सैंटर में तो प्लास्टिक सर्जन का होना अति आवश्यक है। अगर सर्जन की तैनाती नहीं हो पाई तो यह ट्रामा सैंटर भी मैडीकल कालेज की तरह शोपीस बनकर रह जाएगा।

Ekta