हवाई उड़ानें रद्द होने से जनजातीय क्षेत्रों में फंसे लोग-मरीज बेहाल

Wednesday, Jan 15, 2020 - 11:26 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में हवाई उड़ानें न होने से क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चम्बा जिला की पांगी घाटी के लिए दिसम्बर माह में एकमात्र उड़ान हुई है। इसके बाद कोई उड़ान न होने से इससे प्रसव के लिए मैडीकल कॉलेज चम्बा आई महिलाएं अपने नवजात शिशुओं व परिजनों समेत करीब 25 दिनों से जिला मुख्यालय में ही फंस गई हैं। वे कई दिनों से अपने रिश्तेदारों के यहां रहने को विवश हैं। वहीं घाटी में सैंकड़ों यात्रियों सहित मैडीकल कॉलेज चम्बा के लिए रैफर किए गए करीब 10 मरीज भी फंसे हुए हैं। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है।

एक हफ्ते से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही जिस्पा की पदमा

उधर, लाहौल की तोद घाटी के जिस्पा गांव की एक महिला पदमा करीब एक हफ्ते से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे बार-बार दौरे पड़ रहे हैं और हृदय गति रुकने की भी शिकायत है लेकिन हवाई उड़ान न होने से उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका है। उसे इलाज के लिए चंडीगढ़ या शिमला पहुंचाना है। पदमा के परिजनों ने जिला प्रशासन से आपात हैलीकॉप्टर सेवा मुहैया करवाने का अनुरोध किया है। एसडीएम केलांग अमर नेगी ने बताया कि पदमा को एयरलिफ्ट करने के लिए जनजातीय विभाग से आग्रह किया गया है।

चम्बा में नवजात के साथ फंसी है सेवानिवृत्त बीईईओ की बहू

पांगी घाटी के सेवानिवृत्त बीईईओ श्रीकांत शर्मा ने बताया कि घाटी के लिए उड़ान न होने से उनकी बहू मोनिका 20 दिसम्बर से चम्बा में नवजात के साथ फंसी हुई है। उसकी मैडीकल कालेज में डिलीवरी हुई है। इसके बाद वह वापस घाटी नहीं लौट पाई है। उधर भाजपा चम्बा जिलाध्यक्ष योगराज शर्मा ने कहा कि शिमला में बात हुई है। अब चम्बा से 2-3 उड़ानें एक साथ करवाई जाएंगी।

सुल्तानपुर हैलीपैड से भी निराश लौटे यात्री

पांगी के लिए हैलीकॉप्टर की उड़ान न होने से सुल्तानपुर हैलीपैड से 19 यात्री बुधवार को वापस लौट आए। उन्होंने चम्बा से पांगी के लिए हैलीकॉप्टर की उड़ान को लेकर टिकट की बुकिंग करवाई थी लेकिन हैलीपैड पर काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब हैलीकॉप्टर नहीं आया तो निराश होकर उन्हें घर वापस लौटना पड़ा।

Vijay