थानों में लंबित पड़े अपराधिक मामलों की संख्या होगी कम, 664 कांस्टेबलों को दी इंवैस्टीगेशन की ट्रेनिंग

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2019 - 11:05 AM (IST)

शिमला (राक्टा) : राज्य की जयराम सरकार के ग्रैजुएट कांस्टेबलों को इंवैस्टीगेशन की पावर दिए जाने के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। इसके तहत ग्रैजुएट कांस्टेबलों ने 866 केसों की जांच को अमलीजामा पहनाया है, जबकि कई मामलों की जांच जारी है। प्रदेश पुलिस विभाग ने ग्रैजुएट कांस्टेबलों को इंवैस्टीगेशन की पावर मिलने के बाद 664 कांस्टेबलों को विशेष ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई थी, जिसके बाद उन्हें मामलों की जांच सौंपी गई थी।

गौर हो कि राज्य सरकार ने थानों में जांच के लिए लंबित विभिन्न आपराधिक मामलों की संख्या कम करने और पुलिस में उच्च शिक्षित जवानों का सदुपयोग करने के लिए ऐसे कांस्टेबलों को आपराधिक मामलों की जांच की शक्तियां दे दी हैं, जो ग्रैजुएट या इससे अधिक शिक्षित हैं। ऐसा होने से अब पुलिस थानों में आपराधिक मामले जांच के लिए ज्यादा देर तक धूल नहीं फांकेंगे।

इसके साथ ही अन्य जांच अधिकारियों का अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। सरकार ने उन मामलों की जांच की शक्तियां ग्रैजुएट या इससे अधिक शिक्षित कांस्टेबलों को देने का निर्णय लिया था, जिन मामलों में अधिकतम 3 साल तक की सजा का सी.आर.पी.सी. में प्रावधान है। हालांकि ये शक्तियां केवल उन्हीं पुलिस कांस्टेबलों को प्रदान की गई थीं, जो थानों में तैनात र्हं, जबकि बटालियनों में तैनात कांस्टेबलों को ये शक्तियां नहीं मिली हैं। प्रदेश पुलिस में कांस्टेबलों की संख्या लगभग 12 हजार के आसपास है। पहले अधिकांश मामलों की जांच का जिम्मा ए.एस.आई. और हैड कांस्टेबलों के पास ही था। गौर हो कि कांस्टेबलों को चालान करने की शक्तियां भी दी गई हैं।
 


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Edited By

Simpy Khanna

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