SQM की जांच के बगैर ठेकेदारों को दे दी 1 करोड़ की पेमैंट, जानिए वजह

Monday, Dec 03, 2018 - 12:26 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र): प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पी.डब्ल्यू.डी. ने कुछ काम की पेमैंट स्टेट क्वालिटी मॉनीटर (एस.क्यू.एम.) द्वारा इंस्पैक्शन किए बगैर ठेकेदारों को दी है। इस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। विभाग ने 120 अलग-अलग सड़क एवं पुलों के काम की एवज में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमैंट ठेकेदारों को दी है। कायदे से ठेकेदारों को पेमैंट का भुगतान करने से पहले एस.क्यू.एम. पहले काम का जायजा लेता है। काम सही पाए जाने की सूरत में एस.क्यू.एम. विभाग को पेमैंट रिलीज करने की सिफारिश करता है लेकिन फील्ड में कुछ अधिकारियों ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए ठेकेदारों को पेमैंट की है। बीते दिनों दिल्ली में पी.एम.जी.एस.वाई. को लेकर आयोजित पावर कमेटी की बैठक में भी इस पर आपत्ति जताई गई। 

पहले भी केंद्र सरकार कई बार राज्य की निरीक्षण प्रणाली में सुधार के निर्देश दे चुकी

उल्लेखनीय है कि पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत राज्य में बन रही सड़कों एवं पुलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के मकसद से केंद्र के निर्देशानुसार विभाग ने नैशनल क्वालिटी मॉनीटर (एन.क्यू.एम.) और एस.क्यू.एम. तैनात कर रखे हैं। इनका काम सिर्फ गुणवत्ता सुनिश्चित बनाना है लेकिन राज्य में लंबे समय से विभाग पर एन.क्यू.एम. और एस.क्यू.एम. की जांच के बगैर पेमैंट देने के आरोप लगते रहे हैं। पहले भी केंद्र सरकार कई बार राज्य की निरीक्षण प्रणाली में सुधार के निर्देश दे चुकी है। केंद्र ने राज्य को एक बार फिर से निरीक्षण प्रणाली में सुधार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही केंद्र ने भी काम समयबद्ध निपटाने को कहा है।

न्यू टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के निर्देश

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सड़क निर्माण में न्यू टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र के निर्देशानुसार पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत 15 फीसदी सड़कें न्यू टैक्नोलॉजी से बनानी होंगी। इनके निर्माण के लिए उद्योगों से निकलने वाले वेस्ट के अलावा प्लास्टिक इत्यादि का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए राज्य को एन.आर.आई.डी.ए., टैक्नोलॉजी प्रोवाइडर और एस.आर.आर.डी.ए. के बीच एम.ओ.यू. करने को बोला है।

Ekta