आज भी सड़क सुविधा से महरूम है ये गांव, पालकी में उठाकर सड़क तक पहुंचाए जाते हैं मरीज

Sunday, Jun 16, 2019 - 06:47 PM (IST)

शिमला/करसोग (योगराज): हिमाचल प्रदेश में विकास की बातें तो सभी करते हैं लेकिन यह तस्वीर आपको विकास की असली गाथा से रू-ब-रू करवा रही है। यह तस्वीर प्रदेश के मंडी जिला के करसोग तहसील के अल्याड़ गांव की है, जहां पर सड़क सुविधा न होने की वजह से आज भी लोग मरीजों को पालकी में उठाकर सड़क तक पहुंचाते हैं। ग्राम पंचायत बलिन्डी के अल्याड़, दडेेली और नगालठा गांव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। यहां आज भी मरीज को सड़क तक पहुंचाने के लिए पालकी पर उठाकर लाना पड़ता है। जो आप तस्वीर देख रहे हैं यह शनिवार शाम की है जब अल्याड़ गांव की मटू देवी को शिमला से उपचार के बाद वापस घर लाया जा रहा था। अल्याड़, दडेेली और नगालठा गांव के लिए पैदल चलने के लिए भी टूटा-फूटा रास्ता है। इसी रास्ते से होकर बच्चे भी स्कूल जाते हैं, जिससे हमेशा गिरने का खतरा बना रहता है।

20 वर्षों से कर रहे हैं सड़क की मांग

लोगों का कहना है कि मुख्य सड़क मार्ग से नगालठा के लिए करीब 3 किलोमीटर सड़क निर्माण की मांग लोग पिछले 20 वर्षों से कर रहे हैं लेकिन नेताओं का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। करसोग के विधायक हीरा लाल भी जब पहली बार विधायक बने तो उस समय और इस बार भी वोट मांगते समय और जीतने के बाद भी सड़क बनाने की घोषणा की थी लेकिन कुछ समय सड़क बनने की हलचल बढ़ती है और बाद में हमेशा की तरह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

नेता दे रहे झूठे आश्वासन, विभाग सो रहा कुभकर्णी नींद

अल्याड़ गांव के बाशिंदों का कहना है कि उन्हें हर बाद नेताओं के झूठे आश्वासन ही मिलते रहे जबकि दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग भी कुभकर्णी नींद सोया है। उन्होंने कहा कि गांववासियों को रोजमर्रा का सामान पीठ पर उठाकर ही ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोगों को घर बनाने के लिए सीमैंट, सरिया और रेत-गटका गांव तक पहुंचने पर उनका लगभग दोगुना दाम हो जाता है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि अल्याड़, दडेेली और नगालठा गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए ताकि मरीज को एम्बुलैंस सेवा घर-द्वार पर मिल सके।

Vijay