मीडिया में सुर्खियों के बाद पसीजा बेटे का दिल, पत्नी सहित रातों रात मां को लेने पहुंचा अस्पताल

Friday, Jan 31, 2020 - 03:00 PM (IST)

करसोग(धर्मवीर) : करसोग में 72 वर्षीय वृद्ध महिला को जिंदगी के बचे हुए दिनों को काटने के लिए बेटे का सहारा मिल गया है। करसोग में दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर देवली देवी का मामला मीडिया में आने के बाद बेटा सेवानन्द रामपुर से अपनी पत्नी के साथ रातों रात करसोग के सिविल अस्पताल पहुंचा और सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वृद्ध मां को अपने साथ रामपुर ले गया। मां ने भी वृद्ध आश्रम बसन्तपुर जाने का विचार त्याग कर बेटे के साथ रहने की इच्छा जताई। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने के बाद देवली देवी को बेटे के सपुर्द कर दिया। स्वास्थ्य खराब होने के कारण देवली देवी दो दिनों से करसोग के सिविल अस्पताल में उपचाराधीन थी। वृद्ध महिला के साथ कोई अटेंडेंट न होने के कारण प्रशासन ने एक पुलिस कर्मचारी को देखरेख के लिए तैनात कर रखा था। उधर सेवा नन्द ने कहा कि जैसे ही मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि मां करसोग में है, उनको लेने तुरन्त यहां पहुंच गया। इसके लिए उन्होंने मीडिया का आभार प्रकट किया है।

मामले में ये है नया मोड़
बेटे के करसोग पहुंचने के बाद अब पूरी सच्चाई सामने आई है। सेवानन्द पत्नी के साथ किराए के मकान में रामपुर रहता था, जबकि पति की मौत के बाद कुछ सालों से वृद्ध महिला बेटे सेवानन्द के ससुराल कुमारसेन में रहती थी। जानकारी के मुताबिक ससुराल पक्ष में कुछ गलतफहमियां होने पर देवली देवी करसोग के ममेल आ गई और यहीं पर रोटी की तलाश में इधर उधर भटक रही थी। इस दौरान वृद्ध महिला किसी तरह करसोग के सिविल अस्तपाल पहुंची, लेकिन यहां भी कोई देखरेख करने वाला नहीं मिला और अस्पताल प्रशासन ने महिला के बारे में पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने वृद्ध महिला को एसडीएम कार्यालय पहुंचाया और एसडीएम करसोग को महिला का दर्द बताया। जिसके बाद महिला को बसन्तपुर में स्थित वृद्ध आश्रम की औपचारिकताएं पूरी न होने तक सिविल अस्पताल में उपचार के लिए एडमिट करवाया गया था। खाने पीने का खर्च प्रशासन ही उठा रहा था। एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि देवली देवी को उनकी सहमति के बाद बेटे के सपुर्द किया गया है। उनका कहना का इस बारे में पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं।

 

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