170 से अधिक छात्रों ने निजी स्कूलों के तिलस्म को तोड़ कहा अलविदा

Wednesday, May 08, 2019 - 11:01 AM (IST)

जोगिंद्रनगर (अमन): जोगिंद्रनगर के 2 सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों के तिलस्म को तोड़कर अभिभावकों के मन में इस कद्र स्थान बनाया है कि एक साथ सैकड़ों अभिभावक निजी स्कूलों से नाता तोड़ कर सरकारी स्कूलों की और खिंचे चले आए हैं। स्कूल प्रबंधन की कड़ी मेहनत, अनुभवी व कर्मठ स्टाफ तथा पाठशाला में शिक्षण में किए गए क्रांतिकारी बदलाव की बदौलत जोगिंद्रनगर के छात्र व कन्या पाठशाला ने इस वर्ष एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों छात्रों को उनके स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर कर दिया है। 

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला ने उनके स्कूल में दी जा रही गुणवत्तापूर्वक शिक्षा की ताजी मिसाल पेश करते हुए इस वर्ष निजी स्कूलों से 90 छात्रों को इस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए बाध्य कर दिया है जबकि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्र में भी निजी स्कूलों से करीब 80 छात्रों ने प्रवेश लेकर सरकारी स्कूलों के आ रहे अच्छे दिनों का आभास करवाया है। बड़ी बात तो यह है कि इन स्कूलों की जमा एक क्लासों में छात्र व छात्राओं ने भारी संख्या में प्रवेश लिया है। छात्रा पाठशाला में इस वर्ष 66 छात्राओं ने निजी स्कूलों को बाय-बाय कर जमा एक में अपने सुनहरी भविष्य के लिए दस्तक दी है। विद्यालय में छात्राओं को नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन मुहैया करवाने हेतु वैंडिंग मशीन स्थापित की गई है जो विद्यालय के आधुनिक सुविधा संम्पन्न होने का अहसास करवाती है।

चुनाव के माध्यम से किया जागरूक

छात्राओं में मतदान के प्रति सजगता व जागरूकता पैदा करने के लिए इस वर्ष प्रबंधन ने गत सप्ताह करवाए गए स्कूल चुनाव को नया रूप प्रदान करके खूब वाहवाही लूटी है।

स्कूल हैडगर्ल व कैप्टन से लेकर

सी.आर. तक के चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से करवाए गए जिसके लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया का हू-ब-हू पालन किया गया तथा छात्राओं ने मतपेटियों में मत डाल कर चुनाव सम्पन्न करवाए।

शानदार रहा है जमा दो का परिणाम

इस वर्ष पाठशाला का जमा दो का परिणाम शानदार रहा है। 121 छात्राओं में से 112 छात्राओं ने अच्छे अंक बटोर कर सफलता पाई है जबकि मेधावी छात्रा मनीषा ने विज्ञान विषय में 94 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं व आर्ट्स में कंचन तथा संदली वरबाल ने 92 प्रतिशत तथा कॉमर्स में बंदना ने 88 प्रतिशत अंक हासिल कर पाठशाला को निजी स्कूलों से बेहतर साबित कर दिखाया है।

Ekta