आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन ने दी चेतावनी, नियमित नहीं किया तो विधानसभा का होगा घेराव

Tuesday, Dec 25, 2018 - 08:15 PM (IST)

शिमला: आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन नियमितीकरण को लेकर बजट सत्र में विधानसभा का घेराव करेगी। इसके अलावा 8 व 9 जनवरी की देशव्यापी हड़ताल का पूर्ण समर्थन करेगी। यह बात हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन राज्याध्यक्ष यशपाल ने राज्य स्तरीय अधिवेशन के दौरान कही। सीटू राज्य कमेटी द्वारा हिमाचल प्रदेश के आऊटसोर्स कर्मचारियों का राज्य स्तरीय अधिवेशन कालीबाड़ी हाल शिमला में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश भर से लगभग 350 आऊटसोर्स कर्मचारियों ने भाग लिया।

प्रदेश व केंद्र सरकार ने गुमराह किए आऊटसोर्स कर्मचारी

हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन के नवनिर्वाचित राज्याध्यक्ष यशपाल, राज्य महासचिव नोख राम व कोषाध्यक्ष दलीप कुमार ने प्रदेश व केंद्र सरकार पर आऊटसोर्स कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। ये दोनों सरकारें न केवल सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य के समान वेतन के निर्णय का खुला उल्लंघन कर रही हैं अपितु इनके नियमितीकरण के लिए कोई पॉलिसी भी नहीं बना रही हैं। प्रदेश की पूर्व सरकार इन कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा करके अपने वायदे से पलट गई व वर्तमान सरकार इन कर्मचारियों की 42,000 की संख्या को केवल 8,000 कहकर इनकी भूमिका व योगदान को कम करने की कोशिश कर रही है। इससे साफ  है कि प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस दोनों ने आऊटसोर्स कर्मचारियों को केवल ठगने का काम किया है।

आऊटसोर्स कर्मचारियों को दिया जाए 18,000 रुपए न्यूनतम वेतन

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आऊटसोर्स कर्मचारियों को कम से कम 18,000 रुपए न्यूनतम वेतन दिया जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर शीघ्र आऊटसोर्स कर्मचारियों का शोषण बंद न हुआ व इनके नियमितीकरण के लिए पॉलिसी न बनी तो आऊटसोर्स कर्मचारी सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ  मोर्चाबंदी करेंगे व हल्ला बोलेंगे। राज्य अधिवेशन का शुभारंभ विजेंद्र मेहरा ने किया। अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में लगभग 42,000 आऊटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। कई वर्षों की सेवाओं के बावजूद उनका शोषण जारी है। उन्होंने आऊटसोर्स प्रणाली को खत्म करके प्रदेश की पिछली सरकार के वायदे अनुसार इन्हें नियमित करने की मांग की है।

सरकार व ठेकेदारों की मिलीभगत से प्रदेश को लग रहा करोड़ों का चूना

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2016 में दिए गए समान कार्य के लिए समान वेतन के निर्णय को लागू नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार बदलने पर मजदूरों को नौकरियों से निकाल दिया जाता है। इन कर्मचारियों के लिए श्रम कानूनों की पालना नहीं की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए तय वेतन उन्हें नहीं दिया जा रहा है व ठेकेदार मजदूरों के वेतन के एक हिस्से को भी लूट रहे हैं। केवल लेबर सप्लाई करने के नाम पर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की कमीशन ठेकेदारों को दी जा रही है व दोनों की मिलीभगत से प्रदेश को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।

आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन का हुआ गठन

आऊटसोर्स कर्मचारियों के अधिवेशन में हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन के नाम से यूनियन का गठन किया गया। यूनियन का राज्याध्यक्ष यशपाल, विरेंद्र, देवराज बबलू, लोकेंद्र व संजय को उपाध्यक्ष, नोख राम को महासचिव, मदन लाल, चुनी लाल, पवन व हेमावती को सचिव व दलीप कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया। विजय सागर, दिनेश, विपिन, विचित्र, यशपाल, ओ.पी. वर्मा, अमित, रिजवान, हेमलता, विद्या, रामदास, नरेंद्र देष्टा, संदीप, दीपा दुलटा, सुरेन्द्रा, शशि व विशाल को कमेटी सदस्य चुना गया। अधिवेशन में आऊटसोर्स कर्मचारियों की मांगों पर भविष्य में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई।

Vijay