डीसी कांगड़ा ने दिए मंड क्षेत्र के क्रशर उद्योगों को बंद करने के आदेश, जानिए क्यों

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 11:50 PM (IST)

इंदौरा/डमटाल (अजीज/सिमरन): शनिवार को डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने इंदौरा के मंड क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुना। उनके साथ एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन, एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम सहित पुलिस व राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे। बता दें कि मंड क्षेत्र के लोग मीलवां-ठाकुरद्वारा-बरोटा मार्ग की खस्ताहाली को लेकर क्रशर उद्योग की मल्टीएक्सेल वाहनों को उत्तरदायी ठहरा रहे थे, जिस पर क्षेत्र की विधायक रीता धीमान से कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी समस्या बताई थी और विधायक ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वे डीसी व एसपी से मौके का निरीक्षण करवाकर समस्या का समाधान करवाएंगी।
PunjabKesari, Public Image

यहां पहुंचने पर लोगों ने उन्हें क्रशर उद्योगों द्वारा कथित रूप से अवैध खनन करने की भी शिकायत की, जिस पर डीसी व एसपी ने खनन अधिकारी सहित अन्य अमले के साथ सभी क्रशर उद्योगों का निरीक्षण किया। इस दौरान हालांकि सभी क्रशर बंद पाए गए व क्रशर उद्योगों पर कोई भी मल्टीएक्सल वाहन अथवा जेसीबी मशीन नहीं पाई गई। इसके बाद उन्होंने लोगों की पुरजोर मांग व उक्त मार्ग की खस्ताहालत को देखते हुए आगामी आदेशों तक मंड क्षेत्र के क्रशर बंद रखने की बात लोगों से कही।

डीसी ने बताया कि लोगों की शिकायत आई है कि क्रशर उद्योगों द्वारा अवैध खनन किया जाता है, जिस कारण इस संदर्भ में एक कमेटी गठित कर जांच की जाएगी और जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक मंड क्षेत्र के क्रशर बंद रहेंगे। वहीं इस बारे क्रशर उद्योग मालिकों का कहना है कि उनके क्रशर बंद करना न्यायसंगत नहीं है। क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी है। उन्होंने सभी नियमों के अनुरूप क्रशर यूनिट स्थापित किए हैं।

इससे पहले कोरोना महामारी के चलते क्रशर उद्योगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा है, दूसरी ओर पंजाब में पहले से ही गुंडा टैक्स पर्ची लगी हुई है। ऐसे में अचानक क्रशर उद्योगों को बंद करने का तुगलकी फरमान ठीक नहीं है। दूसरी ओर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से क्रशर उद्योग से जुड़े लोगों और विशेषकर कामगार वर्ग के क्रशर उद्योगों पर कोरोना महामारी के बाद काम पर लौटे सैंकड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है। इस बारे भी सरकार व प्रशासन को सोचने की दरकार है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News