विपक्ष सिर्फ सियासी विरोधी, व्यक्तिगत दुश्मन न माने सरकार और जयराम: राणा

punjabkesari.in Thursday, Mar 04, 2021 - 06:27 PM (IST)

हमीरपुर : विपक्ष व कांग्रेस के कार्यकर्ता जयराम सरकार के राजनीतिक विरोधी तो हो सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत दुश्मन हरगिज नहीं हैं। विपक्ष के अपने कुछ फर्ज होते हैं लेकिन अगर सत्ता का दुरुपयोग करके उन्हीं फर्जों को निभाने से रोका जाए तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का गुनाह कहलाएगा। यह तर्क और तथ्य सत्तामद में मदहोश जयराम सरकार को समझना होगा। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि बार-बार कांग्रेस के सदन के बहिष्कार का लोकतांत्रिक पक्ष सरकार को समझना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के 5 विधायकों के निलंबन से बड़ा मसला यह है कि विषय की भूमिका में प्वाइंट ऑफ आर्डर पर चर्चा नहीं हो रही है। जिस कारण से प्रदेश की जनता का मौलिक अधिकार छीना जा रहा है। क्योंकि इसी अधिकार व जनादेश को लेकर कांग्रेस प्रदेश के मुद्दों व सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार को लेकर सदन में चर्चा करना चाहती है। लेकिन सत्ता के दुरुपयोग व राजहट के कारण विधानसभा में परंपराएं टूटी हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार इस बात की गंभीरता को समझे कि एक तरफा होकर कभी भी संविधान की परिभाषा मजबूत नहीं हो सकती है। सत्ता मद में मदहोश सरकार ने अब सदन में एक तरफा चलने की नई परंपरा शुरु की है, जो कि प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर रही है। अभिभाषण की मर्यादा तोड़कर सरकार आवाज उठाने वाले कांग्रेसी विधायकों का निलंबन कर रही है, जो कि गलत ही नहीं अन्यायपूर्ण भी है। विपक्ष की गैर मौजूदगी और सत्ता पक्ष की मौजूदगी में विपक्ष के खिलाफ संवैधानिक फैसला करना लोकतंत्र मर्यादाओं के विपरीत है। 5 विपक्षी विधायकों का निलंबन न विपक्ष के साथ न्याय कर रहा है न ही प्रदेश की जनता के साथ न्याय कर रहा है बल्कि सिर्फ सरकार की बेतुकी जिद्द को उजागर कर रहा है। विधानसभा के गतिरोध के लिए प्रदेश की जनता सरकार को कतई माफ नहीं करेगी। क्योंकि विधानसभा में विधानसभा के समय की बर्बादी न केवल प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विपरीत है बल्कि समय की यह बर्बादी सदन के भीतर और बाहर सरकार को ही अपराधी घोषित कर रही है। 

उन्होंने कहा कि कोविड काल की मनहूस घड़ियों ने लाखों हिमाचलियों का रोजगार छीना है। प्रदेश के लिए यह वक्त कठिन से कठिनतम है। ऐसे में सदन में प्रदेश की जनता के मुद्दों से किसी भी बहाने से भागना व बचना सरकार की नाकामी को बयान कर रहा है। जवाबदेही के अभाव में सरकार को विपक्ष बार-बार निरउत्तर कर रहा है। लेकिन सरकार बार-बार प्रदेश के मुद्दों से भागने व बचने के बहाने तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि कड़वा सच यह भी है कि सत्तासीन सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंकते हुए बेरोजगारी और गरीबी के आंकड़ों पर लगातार बचती व झूठ बोलती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार का राजनीतिक विरोधी तो हो सकता है लेकिन सरकार का व्यक्तिगत विरोधी कतई नहीं हो सकता है लेकिन इस सरकार के दस्तूर को अगर देखें तो विपक्ष को सरकार ने राजनीतिक विरोधी ही मान लिया है जो कि प्रदेश की राजनीति में शुरू की गई गलत परंपरा है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

prashant sharma

Recommended News

Related News