विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटा विपक्ष, इन मुद्दों को लेकर करेगा वार

Thursday, Nov 28, 2019 - 11:17 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): धर्मशाला में 9 दिसम्बर से शुरू होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के विधायकों ने रणनीति बनाने शुरू कर दी है। विपक्ष सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार, प्रदेश में अवैध खनन और उद्योगों के नाम पर हिमाचल को बेचने के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री पार्टी के विधायकों के संग मंत्रणा कर सरकार के समक्ष जनता के मुद्दे उठाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। विधानसभा, लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद कांग्रेस फिर से जनता के मुद्दे उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर सियासी जमीन को मजबूत करना चाहती है, जिसके लिए कांग्रेस के सभी विधायक सरकार के समक्ष जनता के मुद्दे उठाएंगे।

विधानसभा सत्र में प्रमुख रूप से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास विपक्ष के नेता करेंगे। गत दिनों केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ छेड़े गए कांग्रेस के आंदोलन के दौरान भी कांग्रेसी नेताओं ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिससे तय है कि सदन के अंदर कांग्रेस का प्रमुख मुद्दा सरकार में फैला भ्रष्टाचार ही होगा। सरकार के स्वास्थ्य विभाग में होने वाली खरीदारी को लेकर कई मामले संदेह के घेरे में रहे हैं जो मीडिया में सामने आए, जिसमें आयुर्वेद में उपकरणों की खरीद का घोटाला सामने आया था, जिस पर सरकार ने कार्रवाई करते हुए परचेज कमेटी के सदस्यों को सस्पैंड किया और अधिकारियों के तबादले किए थे।

इसके साथ ही भाजपा सरकार के खिलाफ  वायरल पत्र बम में भी स्वास्थ्य विभाग में घोटाले के आरोप लगे थे। सरकार के खिलाफ  सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र जहां भाजपा नेताओं के बीच विवाद का कारण बना है, वहीं अब कांग्रेस भी इस पत्र बम को लेकर सरकार के खिलाफ  सदन में हल्ला बोल कर सकती है। कांग्रेस नेताओं ने पहले भी मांग की है कि वायरल पत्र में सरकार पर लगे आरोपों की जांच होनी चाहिए। जिससे यह बात तय है कि कांग्रेस पत्र बम को लेकर सरकार को घेरेगा।

इसके साथ ही कांग्रेस के आंदोलन के दौरान विपक्ष के नेता ने सरकार पर अपने चहेते व्यक्ति को करोड़ों रुपए की दवाइयां और उपकरण का ठेका देने का अरोप भी सरकार पर लगाया था। विपक्ष के नेता निश्चित तौर पर भ्रष्टाचार के इस मामले को भी संदन में उठाकर सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेंगे। भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ ही कांग्रेस के नेता अवैध खनन के मामले को लेकर सदन में सरकार के खिलाफ  हल्ला बोल करेंगे। इसी तरह के मामले कांगड़ा जिले के नूरपुर, इंदौरा और ज्वाली देहरा क्षेत्र में सामने आए हैं।

विपक्ष निवेश के नाम पर हिमाचल को बेचने को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। गत विधानसभा सत्र में हिमाचल को बेंचने और पर्यटन निगम की होटलों को लीज पर देने के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था और सदन से वाकआउट भी किया था। होटलों को लीज पर देने के मामले में सरकार ने जांच कर सच्चाई सामने लाने का भरोसा दिया था। इस बार भी तय है कि विपक्ष होटलों को लीज पर देने के मामले और निवेशकों को जमीन बेंचने के मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाएगा।

इस तरह विपक्ष विधानसभा सत्र के दौरान सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। सत्र की शुरूआत के पहले विधायक दल की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति को अंतिम रूप देकर विपक्ष सदन में जनता के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। अब देखना होगा कि विपक्ष के आरोपों का जवाब सत्ता पक्ष देने में कितना कामयाब होता है।

विपक्ष के नेता मुकेश ऊना जिले के स्वां नदी में अवैध खनन का मामला कई बार मीडिया के माध्यम से सरकार के समक्ष उठा चुके हैं। इसके साथ ही कांगड़ा जिला, सिरमौर, सोलन के नालागढ़ क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर भी सरकार पर सवाल उठे हैं। अवैध खनन को लेकर विपक्ष के नेता का कहना है कि ऊना जिले की स्वां नदी का तटीकरण करोड़ों रुपए की लागत से किया गया है लेकिन सरकार के संरक्षण में सैंकड़ों जेसीबी से दिन-रात हो रहे अवैध खनन के कारण तटीकरण भी खराब हो रहा है।

Vijay