पक्ष और विपक्ष का गतिरोध टूटा, सदन में सभी कांग्रेस विधायक

Friday, Mar 05, 2021 - 01:45 PM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के छठे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध आखिरकार टूट ही गया। शुक्रवार को माकपा विधायक राकेश सिंघा ने प्रेस वार्ता में इस बात का एलान किया। उन्होंने बताया कि सत्र के पहले दिन से ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध को विराम देने पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। शनिवार को प्रदेश सरकार के बजट पेश करने के दौरान कांग्रेस के सभी विधायक सदन में मौजूद रहेंगे। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने गतिरोध तोड़ने को लेकर किन-किन बिंदुओं पर सहमति बनी, इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि थोड़ा इंतजार करें। शनिवार को सदन में इस बावत सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इससे पहले बजट सत्र के छठे दिन शुक्रवार को भी विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने फिर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में नहीं गया। 11 बजे शुरू हुई सदन की बैठक में प्रश्नकाल विपक्षी दल कांग्रेस के बगैर ही चलता रहा। भाजपा, निर्दलीय और माकपा के विधायक ही मंत्रियों से सवाल पूछते रहे। दूसरी ओर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहर पहुंचते ही नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर हिटलरशाही करने के आरोप लगाए। 

शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायक मुख्य द्वार पर इकट्ठा हो गए। ये रोजाना की तरह ही यहां बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। गौरतलब है कि विपक्ष नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत पांच सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई का विरोध कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने यह कार्रवाई 26 फरवरी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का रास्ता रोकने के मामले में की है। इसी मुद्दे पर आरोपों-प्रत्यारोपों का भी दौर चल रहा है। विपक्ष पहले दिन से ही प्रश्नकाल में भाग नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायकों के सवालों को छोड़कर सदन में भाजपा, निर्दलीय और माकपा विधायक के ही सवाल लग रहे हैं।  

विधानसभा में चल रहे गतिरोध को लेकर स्पीकर के चैंबर में बुलाई गई बैठक सार्थक रही है और गतिरोध को तोड़ने की सहमति बनी है। इसके लिए बाकायदा सदन में पक्ष की तरफ से प्रस्ताव लाया गया है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में 26 फरवरी की घटना को लेकर निलंबन को निरस्त के लिए प्रस्ताव लाया। उन्होंने सदन में कहा कि विपक्ष के विधायकों और सत्तापक्ष के मंत्रियों के बीच वार्ता हुई है और सभी ने निलंबन को निरस्त करने की बात रखी है। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सूझबूझ से विवाद को खत्म करने का निर्णय लिया है जिसका विपक्ष स्वागत करता है क्योंकि लोकतंत्र पक्ष और विपक्ष से चलता है। प्रस्ताव पर बोलते हुए ठाकुर रामलाल, कर्नल धनी राम शांडिल और सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चलनी चाहिए और पक्ष और विपक्ष दोनों को इसमें सहयोग देना चाहिए। 

प्रस्ताव में चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कभी कभी पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक होती रहती है लेकिन विवाद को बढ़ाना भी लोकतंत्र के लिहाज से सही नहीं है।विवाद का समाधान हमेशा संवाद होता है इसलिए आज पहल हुई और वार्ता सफल भी रही।लोकतंत्र में विपक्ष का सदन में होना जरूरी है यह लोकतंत्र की खूबी है। विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित विधायको के निलंबन को निरस्त करने के लिए लाए प्रस्ताव पारित किया जिसमें सभी ने सहमति जताई और नेता प्रतिपक्ष सहित सभी 5 विधायकों का निलंबन निरस्त किया गया।

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prashant sharma