हिमाचल के कुछ खेतों में उग रही अफीम की फसल

Saturday, Jun 22, 2019 - 09:26 AM (IST)

शिमला : हिमाचल में हजारों बीघा भूमि में चरस के साथ-साथ अफीम की खेती भी हो रही है। प्रदेश के कुछ स्थानों पर गेहूं, आलू व मटर की खेती के साथ-साथ अफीम की खेती भी हो रही है। इसके साथ ही सेब के बगीचों में भी अफीम के पौधे लगे पाए गए हैं। वन व राजस्व के साथ-साथ निजी भूमि में भी नशे की खेती की जा रही है। कुल्लू और मंडी के पहाड़ों में इस बार लगभग 20,000 बीघा भूमि में अफीम की खेती होने की सूचना है। गौरतलब है कि वर्ष 2003 में अकेले मंडी जिला की दुर्गम चौहार घाटी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस ने संयुक्त आप्रेशन कर 5,000 बीघा भूमि में उगी अफीम की फसल नष्ट की थी। चौहार घाटी के अलावा चम्बा, शिमला और सिरमौर के कई दूरदराज वाले क्षेत्रों में भी अफीम की खेती होने के मामले सामने आए हैं। 

बीते दिन शिमला जिला के नेरवा के तहत थरोच के बरमाणा गांव में दबिश देकर पुलिस ने एक व्यक्ति की भूमि से अफीम के 238 पौधे बरामद किए हैं। इसके साथ ही नालागढ़ के तहत चुहुवाल में भी एक खेत में अफीम के 2,100 पौधे लगे पाए गए। कांगड़ा पुलिस ने भी कछयारी गांव में अफीम की खेती का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान यहां एक खेत में 186 अफीम के पौधे लगे पाए गए थे। जिला पुलिस बद्दी ने हाल ही में गेहूं की खेती की आड़ में अफीम की खेती का पर्दाफाश किया था। इस दौरान पुलिस टीम ने 468 अफीम के पौधे खेत में लगे पाए थे। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।

वहीं अफीम की खेती के लिए मंडी जिला की चौहार घाटी भी चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार यहां कुछ स्थानों पर आलू व मटर की खेती के साथ अफीम की खेती भी हो रही है। ग्राम पंचायत तरस्वान के गांव घड़, डरागड़, स्मालग व रेडा में दबिश देकर 15,000 से अधिक अफीम के पौधों को नष्ट किया गया था। सिरमौर पुलिस ने बीते मई माह में मटर के साथ अफीम की खेती का भंडाफोड़ किया था। ग्राम पंचायत जदोन टपरोल के गडोटी (ठंडीधार) में एक खेत में अफीम के 262 पौधे लगे पाए गए थे। ऊपरी शिमला के तहत जुब्बल पुलिस ने सेब के बगीचे में बीते दिनों अफीम की खेती किए जाने का पर्दाफाश किया है। बरथाटा के केलवी गांव में एक व्यक्ति ने अपने सेब के बगीचे में अफीम उगा रखी है। इस दौरान पुलिस को बगीचे के अलग-अलग हिस्सों में अफीम के 360 पौधे बरामद हुए।
 

kirti