एक बार फिर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर दौड़ा शताब्दी पुराना स्टीम इंजन

Thursday, Feb 14, 2019 - 09:16 PM (IST)

शिमला: शिमला से कैथलीघाट स्टेशन के बीच वीरवार को काफी दिनों के बाद एक बार फिर से हैरिटेज शिमला-कालका ट्रैक पर शताब्दी पुराना स्टीम इंजन झुक-झुक कर दौड़ा। स्टीम इंजन के साथ 2 अतिरिक्त डिब्बे जोड़े गए, जिसमें इंगलैंड व आस्ट्रेलिया से आए विदेशी पर्यटकों का दल सवार था। इन लोगों ने स्टीम इंजन में बैठने का आनंद लिया। इस विदेशी दल के लिए शिमला से कैथलीघाट तक सफर के लिए 1,15,000 रुपए की राशि रेल विभाग के पास जमा करवाई गई थी।

पर्यटक बोले-जीवन का शानदार सफर

स्टीम इंजन के सफर के दौरान विदेशी पर्यटक इतने रोमांचित थे कि उन्होंने इसे अपने जीवन का शानदार सफर बताया। पर्यटकों ने कहा कि इस स्टीम इंजन में सफर करना उनके लिए यादगार रहेगा। इसमें बैठकर उन्हें अपने पुराने दिनों का एहसास हुआ। इतिहास के पन्नों को यदि पलटा जाए तो पता चलेगा कि स्टीम इंजन का इतिहास शताब्दी पुराना है।

उत्तर रेलवे मनाएगा हैरिटेज उत्सव

उत्तर रेलवे द्वारा हैरिटेज उत्सव मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य को कालका-शिमला रेलवे यादगार बनाना चाहता है, जिसके तहत रेल विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में शुक्रवार को शिमला रेलवे स्टेशन से कैथलीघाट के बीच स्टीम इंजन के साथ 2 डिब्बों को जोड़ा जाएगा, जिनमें विभिन्न स्थानीय स्कूलों के 30 बच्चे सफर करेंगे। यह ट्रेन शिमला रेलवे स्टेशन से सुबह 11 बजे कैथलीघाट के लिए रवाना होगी।

हैरिटेज महत्व के विषय में जागरूक करना विभाग का मकसद

विभाग का मकसद हैरिटेज महत्व के विषय में लोगों को जागरूक करना है। इस विषय में अम्बाला डिवीजन के डी.सी.एम. के हरि मोहन ने बताया कि स्टीम इंजन का इतिहास काफी पुराना है। लोग इसमें सफर कर पुरानी यादों में खो जाते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने इस हैरिटेज ट्रैक पर 2 पारदर्शी कोच (विस्टाडोम) को चलाया है, जिससे पर्यटकों में खासा उत्साह भी है।

Vijay