जिस मुद्दे पर सरकार को कोस रहा विपक्ष, उसके पक्ष में सीएम का समर्थन करने उतरा ये कांग्रेस विधायक

Saturday, Apr 24, 2021 - 01:28 PM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में एक ओर जहां कोरोना का शोर है, वहीं सीएम जयराम द्वारा किराए पर लिया गया हेलीकाॅप्टर भी काफी सुर्खिया बटोर रहा है। मुख्यमंत्री के नए हेलीकॉप्टर पर प्रदेश में जबरदस्त जुबानी जंग चल रही है। इस मामले पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। पूरे विवाद के बीच कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह सरकार के समर्थन में उतरे है। दरअसल, कोरोना के दौर में आर्थिक संकट से जूझ रहे और 6 हजार करोड़ के कर्ज तले सूबे में पांच लाख 1 हजार रुपये प्रतिघंटे पर रूसी कंपनी से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया है। प्रदेश सरकार की इस पर जमकर किरकिरी हो रही है। 

विक्रमादित्य सिंह ने लिखा कि पिछले काफ़ी समय से मुख्यमंत्री के उड़नखटोले के ऊपर विवाद चला हुआ है। जैसा आप जानते हैं कि हमने हमेशा सही को सही और गलत को गलत कहने में विश्वास रखा हैं, जहां तक इस हेलीकॉप्टर की बात है तो हमें लगता है कि बेशक यह महंगा ज़रूर हैं, (जो हमें विश्वास है कि ग्लोबल टेंडर से शॉर्ट लिस्ट हुआ है). लेकिन यह विमान प्रदेश हित में है। हमें याद रखना चाहिए कि यह हेलीकॉप्टर केवल मुख्यमंत्री के लिए नहीं अपितु दुर्गम क्षेत्र में फँसे लोगों को शिमला आदि और शहरों में लाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। लाहौल स्पीति ,पांगी भरमौर, डोडरा क्वाँर जैसे दुर्गम क्षेत्र में फँसे लोगों को लाने के लिए यह हेलीकॉप्टर बहुत आवश्यक है। हिमाचल ही नहीं, हर राज्य के पास अपना विमान है और जहां मुख्यमंत्री इसका इस्तेमाल अपने सरकारी कार्यों के लिए करते हैं। वहीं आपातकाल की परिस्थिति में इस विमान का इस्तेमाल प्रदेश के और लोगों के लिए पूर्व की तरह भविष्य में भी होना चाहिए। बहुत से अन्य मसलें हैं जिस पर सरकार को घेरा जा सकता हैं। 

गुरूवार को कैबिनेट बैठक के बाद सरकार की तरफ से इस मामले पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सफाई पेश की थी। सफाई में कहा है कि नए हेलीकॉप्टर एमएई-172 को लेने के लिए 17 सितंबर 2019 को टेंडर के माध्यम से मैसर्स स्काई वन एयरवेज लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया था। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में भी हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली जाती रही हैं, लीज पर विभिन्न कंपनियों से हेलीकॉप्टर लिया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल ट्राइवल एरिया में आवागमन के साथ साथ उन क्षेत्रों से मरीजों को लाने के इस्तेमाल किया जाता रहा है और साथ ही आपदा के समय में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है, ये बेहद जरूरी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के लिए सेवाएं ली जाती हैं। पूर्व सरकार ने जो हेलीकॉप्टर लिया था उसका का किराया 5 लाख 10 हजार रू. प्रति घंटा था और इस हेलीकॉप्टर का किराया भी इतना ही है। 

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार की बुद्धि पर तरस आता है, इस समय में सरकार को कोरोना को लेकर जरूरी इंतजाम करना चाहिए लेकिन सरकार किसी भी मुद्दे पर संवेदनशील है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जितना किराया सरकार दे रही है, उससे तो अच्छा है कि सरकार अपना खुद का हेलीकॉप्टर खरीद ले। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि सरकार झूठ बोल रही है, पूर्व सरकार के समय किराया 3 लाख 30 हजार रू. प्रति घंटा था. माकपा का कहना है कि हाल ही में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल तो मेयर और डिप्टी मेयर बनाने में काम आया। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि हालांकि वो इस पक्ष में हैं कि सीएम को सुविधा मिलनी चाहिए लेकिन सरकार को अपने साधन भी देखने चाहिए।
 

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prashant sharma