आज ही के दिन टाइगर हिल पर भारतीय सैनिकों ने फहराई थी विजय पताका

Sunday, Jul 04, 2021 - 10:33 AM (IST)

मंडी (अनिल) : भारतीय सैनिकों ने 4 जुलाई, 1999 को टाइगर हिल पर विजय पताका फहराई थी, इसमें हिमाचल के सैनिकों का भी अहम रोल रहा था। इस बारे में युद्ध सेवा मैडल सेवानिवृत्त कारगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान पाक सेना ने पहल की थी और द्रास सैक्टर में टाइगर हिल और तोलोलिंग जैसी सामरिक महत्व की चोटियों पर कब्जा करके अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने की कोशिश की। श्रीनगर-लेह राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया जो भारतीय सेना, लेह और लद्दाख के नागरिकों के लिए आने जाने का एकमात्र माध्यम था। 

हिमाचल के 52 वीरों ने पीया था शहादत का जाम 

कारगिल की लड़ाई में हिमाचल के 52 वीरों ने शहादत का जाम पीया था और इस लड़ाई में हिमाचल को 2 परमवीर चक्र, कै. विक्रम बतरा मरणोपरांत और हवलदार संजय कुमार भारत के राष्ट्रपति द्वारा परमवीर चक्र से नवाजे गए थे। ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिक निगम के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने कहा कि कारगिल युद्ध के 22 साल बाद 18 ग्रेनेडियर्स के जांबाजों द्वारा बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान की यादें अभी भी जहन में हमेशा ताजा और अंकित है। उन्होंने कहा कि 16000 फु ट की तोलोलिंग चोटी पर फिर से कब्जा करना तत्कालिक मौसम, दुश्मन का ऊंचाई पर होना व खड़ी व नंगी चोटियों को देखते हुए सबसे मुश्किल व चुनौतीपूर्ण था। 

2 राजपूताना राइफल्स के जवानों ने बहुत बहादुरी से लड़ी लड़ाई 

बाधाओं और कमियों के बावजूद 18 ग्रेनेडियर्स और 2 राजपूताना राइफल्स के जवानों ने बहुत बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जीती गई, लेकिन इस विजय की कीमत कई जवानों की शहादत देकर चुकानी पड़ी। आप्रेशन के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के 25 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें लैफ्टिनैंट कर्नल आर. विश्वनाथन, सैकेंड इन कमांड और मेजर राजेश अधिकारी जो कंपनी कमांडर थे, उनकी उत्कृष्ट बहादुरी के लिए लैफ्टिनैंट कर्नल आर. विश्वनाथन और मेजर राजेश अधिकारी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा क्रमशः मरणोपरांत वीर चक्रऔर महावीर चक्र से सम्मानित किया गया तथा हवलदार योगेंद्र यादव को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो हिमाचल के लिए गर्व की बात है।

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prashant sharma