देवता के आदेश पर 3 माह से रुके काम होंगे शुरू

Wednesday, Mar 13, 2019 - 01:14 PM (IST)

सुखबाग (तिलक): चौहार घाटी के अधिकांश गांवों के लोग मौसम खुलने के बाद करीब 3 माह बाद खेती बाड़ी में जुट गए हैं। घाटियों के किसान दिन-रात एक कर गोबर को पीठ पर उठाकर अपने-अपने खेतों में पहुंचा रहे हैं जिसके बाद जुताई का काम शुरू होगा। घाटी के प्रकाश चंद, धौगरी राम, राधेश्याम, चांद राम, सुनील दत्त, कश्मीर सिंह, वजिंद्र सिंह, गौतम राम, राजकुमार व बजीर सिंह आदि किसानों का कहना है कि हल जुताई का कार्य पूर्ण होते ही वे नकदी फसल आलू की बिजाई करने में जुट जाएंगे। जानकारी के अनुसार चौहार घाटी के दूरवर्ती गांवों व छोटा भंगाल घाटी के समस्त गांवों में अभी भी भारी बर्फ जमा होने के कारण किसान लगभग 20 दिन या फिर एक माह बाद अपने कुल देवी-देवताओं के आदेश के बाद ही हल जुताई के कार्य की शुरूआत करेंगे। 

बता दें कि चौहार घाटी के किसान अपने आप ही कुल देवता को साक्षी मानकर लोहड़ी-मकर संक्रांति के बाद लगभग एक-डेढ़ माह तक खेतों में खेतीबाड़ी संबंधित कोई भी कार्य करने पर पूरी तरह पाबंदी लगा देते हैं मगर छोटा भंगाल घाटी की परंपरा इससे हटकर है। इस समूची घाटी की सभी 7 पंचायतों के 30 गांवों के किसान देव आदेश को मानकर लोहड़ी-मकर संक्रांति के बाद लगभग 3 माह तक खेतों में खेतीबाड़ी का कोई भी कार्य नहीं करते हैं। घाटी में प्रतिवर्ष चैत्र माह के पहले प्रविष्टे को अपने-अपने कुल देवी-देवताओं देव अजियापाल, सतवादणी तथा फु गणी के नाम से पटघुआड़ नामक लोकल पर्व मनाया जाता है तथा 3 प्रविष्टे को हारका नामक लोकल पर्व भी मनाया जाता है। उसी दिन देवी-देवता के गुर व पुजारी गुर खेल के माध्यम से किसानों को खेतीबाड़ी संबंधी कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त वाला दिन निकालेंगे तथा शुभ मुहूर्त वाले दिन ही सभी किसान खेतीबाड़ी संबंधी कार्य करना शुरू कर देंगे।

Ekta