अब शिक्षक नहीं मार पाएंगे बंक, प्रारंभिक पाठशालाओं में भी लगेंगी बायोमीट्रिक मशीनें

Monday, Sep 30, 2019 - 09:39 AM (IST)

शिमला (देवेंद्र) : सूबे के प्रारंभिक शिक्षा विभाग की नींद आखिरकार टूट गई है। ‘पंजाब केसरी’ में बीते 19 सितम्बर को ‘शिक्षा विभाग ने 9 महीने से बायोमीट्रिक मशीन की खरीद को नहीं दिया वर्क ऑर्डर’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने बायोमीट्रिक की खरीद के लिए इलैक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन को वर्क ऑर्डर दे दिया है। इसकी पुष्टि कार्पोरेशन के एम.डी. डी.सी. नेगी ने की है। वर्क ऑर्डर मिलने के बाद इलैक्ट्रॉनिक निगम जल्द ही चयनित कंपनियों को खरीद के लिए लिखेगा, ताकि राज्य की चयनित प्रारंभिक पाठशालाओं में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जा सकें।

उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने तकरीबन 2 साल पहले इलैक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन को बायोमीट्रिक की खरीद के लिए लिखा था। इसी मकसद से कार्पोरेशन के पास बाकायदा 7.34 करोड़ रुपए जमा करवाए गए। इसके बाद इलैक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ने इसी साल 14 जनवरी को 5000 बायोमीट्रिक मशीनों की खरीद के लिए टैंडर फाइनल किए और प्रारंभिक शिक्षा विभाग को वर्क ऑर्डर देने को कहा, लेकिन शिक्षा विभाग ने ऑर्डर देने में ही नौ महीने लगा दिए। राज्य सरकार की योजना के मुताबिक स्कूलों में शिक्षकों के बंक मारने, देरी से स्कूल पहुंचने व जल्दी जाने की परंपरा को खत्म करने के लिए प्रारंभिक पाठशालाओं में भी बायोमीट्रिक मशीनें लगाए जाने की योजना है। प्रदेश में तकरीबन 9500 प्रारंभिक पाठशालाएं हैं।

प्रथम चरण में तकरीबन 5000 पाठशालाओं में इन्हें लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछेक क्षेत्रों में नैटवर्क कनैक्टीविटी की समस्या को देखते हुए फिलहाल अभी बायोमीट्रिक मशीनें नहीं लगाई जाएंगी। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से समय-समय पर शिक्षा विभाग को अध्यापकों के समय पर स्कूल न पहुंचने, स्कूल से जल्दी छुट्टी करने की शिकायतें मिलती रही हैं। यही नहीं कुछ साल पहले सिरमौर और चम्बा जिला में भाड़े के शिक्षक रखे जाने के भी मामले सामने आ चुके हैं। इन सब पर रोक लगाने के मकसद से सरकार सभी स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाना चाहती है।

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Simpy Khanna