अब PGI रैफर नहीं होंगे हिमाचल के किडनी मरीज

Tuesday, Apr 02, 2019 - 09:52 AM (IST)

शिमला : किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को अब पी.जी.आई. नहीं जाना पड़ेगा। हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में अब 8 अप्रैल को किडनी ट्रांसप्लांट का पहला ऑपरेशन होगा। हिमाचली लोगों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मौजूदा समय में प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों को पी.जी.आई. चंडीगढ़ जाना पड़ता था। पी.जी.आई. चंडीगढ़ में जाने-आने व रहने में करीब 50 हजार तक मरीजों को खर्चा करना पड़ता है। इसके अलावा यदि मरीज को डोनर मिल जाए तो भी पी.जी.आई. में भारी भीड़ होने के कारण लंबे समय तक मरीजों को रहना पड़ता था। तब तक मरीजों को डायलिसिस पर रखना पड़ता है।

इसमें भी उनका लाखों रुपए खर्च होता है, जबकि आई.जी.एम.सी. में मरीजों को आसानी से डेट मिल सकेगी और उनके काफी पैसों की भी बचत होगी। आई.जी.एम.सी. में मरीजों को किडनी ही नहीं, बल्कि हार्ट, लिवर व कोर्निया समेत मल्टी ऑर्गेन ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी। आई.जी.एम.सी. प्रशासन किडनी ट्रांसप्लांट नहीं, ऑर्गेन ट्रांसप्लांट सैंटर के तौर पर इसकी रजिस्ट्रेशन करवाएगा, जिससे किडनी ट्रांसप्लांट के बाद यहां पर अन्य ऑर्गेन ट्रांसप्लांट भी किया जा सकेगा। इसकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रियां शुरू कर दी गई है। स्टेट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के पास इसकी रजिस्ट्रेशन की जाएगी। उसके बाद यहां पर मल्टी ऑर्गेन ट्रांसप्लांट की सुविधा मिल सकेगी।

हालांकि शुरूआत में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के डाक्टरों की मदद ली जाएगी। किडनी ट्रांसप्लांट से प्रदेश के गरीब मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। कुछ गरीब लोग किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अपनी प्रॉपटी तक बेच देते हैं, लेकिन अब मरीजों का इतना फायदा होगा कि चंडीगढ़ जाने का जितना भी खर्चा होता था, वह सब बच जाएगा। किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले आई.जी.एम.सी. के चिकित्सकों की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। वे बीते वर्ष नवम्बर-दिसम्बर माह में एम्स में इसकी ट्रेनिंग लेकर आए थे। उसके बाद अन्य स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। आई.जी.एम.सी. में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन थियेटर भी तैयार किया जा रहा है। प्रशासन अप्रैल में इसे शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

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