Himachal: अब पुलिस चौकियों में दर्ज होगी FIR दर्ज, सरकार देगी अधिकार
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 06:46 PM (IST)
शिमला (राक्टा): प्रदेश सरकार बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत करेंगी, साथ ही इनकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक स्टाफ भी उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को सचिवालय में पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभाग के आधुनिकीकरण के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी, साथ ही पंजीकृत पुलिस चौकियों को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए चौकियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नैटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) से भी जोड़ा जाएगा।
1226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पैक्टर की भर्ती प्रक्रिया जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही खाली पदों को भरेगी। उन्होंने कहा कि 1226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पैक्टर की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़े कानून सुनिश्चित कर रही है। इसके साथ ही सरकार ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों में गृह रक्षक तैनात किए जाएंगे। बिलासपुर जिला के मारकंड में एक गृह रक्षक बटालियन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा।
डेटा वेयरहाऊस और क्लीयरिंग एजैंसी भी होगी स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में डेटा संग्रहित और व्यवस्थित करने के लिए एक डेटा वेयरहाऊस और क्लीयरिंग एजैंसी भी स्थापित की जाएगी। इसके माध्यम से विभिन्न एजैंसियों से डेटा विश्लेषण और निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पुलिस महानिदेशक डाॅ. अतुल वर्मा, महानिदेशक सीआईडी एसआर ओझा, एडीजीपी सतवंत अटवाल और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
गृह रक्षक के भरे जा रहे 700 पद
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ कर रही है, ताकि इसकी कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सके। इसके तहत गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। उन्होंने विभाग में अतिरिक्त कार्य क्षमता का ब्यौरा तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केंद्रों के डिजिटलाइजेशन के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
आपातकाल में वाहन किराए पर लेने के दिए जाएंगे अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा या आपातकाल के दौरान राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए आवश्यक वाहन किराए पर लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अधिकार दिए जाएंगे। आपदा प्रतिक्रिया बल में स्थायी स्टाफ की भर्ती होने तक अस्थाई तौर पर गृह रक्षकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ रुपए की पहली किस्त शीघ्र जारी की जाएगी।
राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामले चिंता का विषय
मुख्यमंत्री ने राज्य में साइबर अपराध के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2024 साइबर अपराध की 11892 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें कुल 114.94 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी शामिल है। उन्होंने कहा कि साइबर सैल में इनमें से 11.59 करोड़ रुपए सफलतापूर्वक ब्लॉक किए हैं, जो कुल धोखाधड़ी का 10.08 प्रतिशत है। उन्होंने साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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