IGMC और टांडा से डिग्री लेने के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी, जानिए क्यों

Wednesday, Dec 19, 2018 - 05:41 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के सरकारी मैडिकल कॉलेज आईजीएमसी और टांडा में तीन साल लगाकर बीएससी रेडियो डाइग्नोसिस रेडियो थेरपी डिग्री लेने पर भी नौकरी के लिए अभ्यर्थियों को योग्य करार दे दिया है। अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने अनुबंध आधार पर रेडियोग्राफर के 115 पदों को भरने के लिए टेस्ट निकाला था, लेकिन इस पोस्ट को फाइनल चयन प्रक्रिया के बाद सिर्फ दो उम्मीदवार ही पास कर पाए हैं। जबकि अन्य सैकड़ों उम्मीदवारों को आयोग ने अयोग्य करार दे दिया है, जबकि देश के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में इन अभ्यर्थियों को नौकरी मिल रही है, लेकिन अपने ही प्रदेश से डिग्री हासिल करने के बाद भी इन्हें नौकरी नहीं दे रहे हैं।

सरकार ने आरएमपी रूल में संशोधन कर आईजीएमसी और टांडा से डिग्री लेने वाले छात्रों को रेडियोग्राफर की नौकरी से बाहर कर दिया है। अभ्यर्थी स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं सुनवाई हुई है और अब वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इन अभियार्थियों का कहना है कि सरकार के अपने संस्थानों में तीन साल की डिग्री हासिल करने के बाद भी वे नौकरी के लिए योग्य नहीं है। जब नौकरी ही नहीं दे सकते है तो सरकार क्यों छात्रों को तीन साल का कोर्स करवा कर उन्हें गुमराह कर रहा है। उनका कहना है कि देश के अन्य स्वस्थ्य संस्थानों में सभी अभियार्थी रेडियोग्राफर के पद के लिए योग्य मन जाता है, लेकिन अपने ही प्रदेश के संस्थानों में नौकरी से उन्हें बाहर किया जा रहा है। इसको लेकर कई बार अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री से मिल चुके है, लेकिन कही भी सुनवाई नहीं हुई और अब वे कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर करेंगे।



 

Ekta